देश के बाजारों में इस बार हिमाचली सेब 15 दिन देरी से मिलेगा। पिछले दो तीन सालों की तुलना में सेब की फ्लावरिंग इस मर्तबा देरी से हो रही है। इससे सेब की फसल भी डेढ़ से दो सप्ताह लेट तैयार होगी। इसकी वजह मार्च व अप्रैल में भी सर्द मौसम और बारिश-बर्फबारी होना है। फ्लाविरंग में देरी की वजह से जो सेब जून के आखिरी सप्ताह में मंडियों में दस्तक देता था, इस बार वह जुलाई के दूसरे सप्ताह तक मंडियों में आ पाएगा। प्रदेश का बागवान देरी से फ्लावरिंग की वजह से चिंतित है, क्योंकि पहाड़ों पर अप्रैल में भी मौसम खराब बना बना हुआ है। अगले दो दिन बाद भी दोबारा बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। आमतौर पर 5000 फीट तक की ऊंचाई ‌वाले इलाकों में 9 अप्रैल तक फ्लावरिंग कंप्लीट हो जाती थी और फ्रूट सेट होना शुरू होता था। मगर इस बार अभी कई इलाकों में तो फ्लावरिंग भी शुरू नहीं हो पाई है। ठियोग निवासी बागवान राहुल ने बताया कि उनका बगीचा 5000 फीट की ऊंचाई पर है। पर अभी पिंक बड ही निकले है। अमूमन उनके 9 अप्रैल तक पूरी फ्लावरिंग हो जाती थी। मौसम में आए बदलाव के कारण अधिक ऊंचे क्षेत्रों में भी फ्लावरिंग देरी से होगी। इससे प्रदेश के तीन लाख से ज्यादा बागवान चिंतिंत में है। मौसम में आए बदलाव से फ्लारविंग में देरी: डॉ. भारद्वाज बागवानी विशेषज्ञ डॉ. एसपी भारद्वाज ने बताया कि इस बार सर्दियां लंबी चलने की वजह से फ्लावरिंग 10 से 15 दिन लेट है। उन्होंने कहा- बागवानों को घबराने की जरूरत नहीं है। इससे फसल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सिर्फ फसल कुछ दिन लेट तैयार होगी। इतने दिन में तैयार होता है सेब डॉ. भारद्वाज ने बताया कि टाइड मैन किस्म का सेब तैयार होने में 90 दिन लेता है, जबकि स्पर वैराइटी का सेब 105 दिन में तैयार होता है। वहीं रॉयल डिल्शियस सेब 120 दिन में तैयार होता है। फ्लावरिंग के वक्त 14 डिग्री औसत तापमान जरूरी डॉ. भारद्वाज ने बताया कि सेब की अच्छी फसल के लिए फ्लावरिंग के दौरान मौसम का साफ होना जरूरी होता है। इस दौरान औसत तापमान 14 डिग्री चाहिए। मगर इस बार मार्च-अप्रैल में भी बारिश-बर्फबारी जारी रहने से कई ऊंचे क्षेत्रों में तापमान काफी नीचे गिरा हुआ है। पहाड़ों पर फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार चिंता इस बात की है कि आने वाले दो तीन दिन में फिर से मौसम करवट बदलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, कल से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) फिर एक्टिव हो रहा है और अगले चार-पांच दिन तक पहाड़ों पर दोबारा बारिश-बर्फबारी के आसार है। जाहिर है कि इससे ठंड में इजाफा होगा और फ्लावरिंग में देरी होगी। पिछले दो साल की तुलना में देरी से फ्लावरिंग : बिष्ट प्रोग्रेसिव ग्रोवर एसोसिएशन (PGA) के अध्यक्ष लोकेंद्र बिष्ट ने बताया कि पिछले कुछ सालों की तुलना में फ्लावरिंग देरी से जरूर हुई है। मगर फ्लावरिंग का यह सही समय है। उन्होंने बताया कि पिछले दो तीन सालों से बर्फबारी नहीं हो रही, इसलिए जल्दी फ्लावरिंग हो रही थी।

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