हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच हुई घटना पर सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में जल्दबाजी में कार्रवाई की, जिससे उसकी फजीहत हुई है। ठाकुर ने कहा कि वायरल हुए वीडियो से स्पष्ट है कि दोनों पक्षों की ओर से गलती हुई है, जिसकी वह निंदा करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि सरकार ने जांच की, लेकिन डॉक्टर पर की गई कार्रवाई को जल्दबाजी भरा फैसला बताया। उनके अनुसार, डॉक्टर को चेतावनी देकर या अन्य विकल्पों पर विचार कर भी कार्रवाई की जा सकती थी। जयराम ठाकुर ने इस बात पर जोर दिया कि डॉक्टर बनने में काफी समय और मेहनत लगती है, इसलिए सरकार को ऐसे मामलों में सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में ऐसी घटनाएं आए दिन हो रही हैं और सरकार को इन्हें रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

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