हिमाचल प्रदेश में 102 और 108 एम्बुलेंस सेवाएं गुरुवार रात से कर्मचारियों की हड़ताल के कारण बाधित हैं। गुरुवार रात 8 बजे शुरू हुई इस हड़ताल के चलते शुक्रवार को पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस सेवाएं ठप रहीं, जिससे आपातकालीन सेवाओं पर असर पड़ा। हड़ताली एम्बुलेंस कर्मचारियों ने शुक्रवार को सीटू के बैनर तले सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। शिमला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कंपनी और प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन पर अपनी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। कर्मचारियों की प्रमुख मांगे कर्मचारी नेताओं ने बताया कि एम्बुलेंस कर्मचारी लंबे समय से न्यूनतम वेतन, आठ घंटे की ड्यूटी सुनिश्चित करने, ओवरटाइम का दोगुना भुगतान, श्रम कानूनों को लागू करने, वेतन में 10 प्रतिशत वृद्धि, ग्रेच्युटी, नोटिस पे, कानून के अनुसार छुट्टियां और ईपीएफ-ईएसआई जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। हालांकि, प्रबंधन और कंपनी उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। कर्मचारी बोले- एस्मा लगाने की धमकी से डरने वाले नहीं नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन दे चुके हैं और प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन प्रबंधन सुनवाई करने की बजाय कर्मचारी नेताओं को प्रताड़ित कर रहा है और प्रदर्शन करने पर उनके खिलाफ एस्मा लगाने की धमकी दे रहा है। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया कि वे इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने साफ शब्दों में कहा कि यदि प्रबंधन कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं करता है, तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि कर्मचारी अभी दो दिनों की हड़ताल पर हैं, लेकिन भविष्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। शिमला में हुए प्रदर्शन के दौरान सीटू प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला सचिव विवेक कश्यप, बालकराम सहित दर्जनों सीटू कार्यकर्ता और एम्बुलेंस कर्मचारी मौजूद रहे।