इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में मरीज से मारपीट मामले में एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉ. राघव निरूला के खिलाफ यह कार्रवाई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। हिमाचल के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय ने देर शाम इस संबंध में आदेश जारी किए। बता दें कि बीते 22 दिसंबर को IGMC शिमला में डॉक्टर द्वारा मरीज अर्जुन (36 वर्ष) की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया में वारयल हुआ। इस वीडियो में डॉक्टर ने मरीज के मुंह पर हाथ से कई वार किए। मरीज ने भी पांव से पलटवार किया। वहां मौजूद मरीज के परिजनों ने इसका वीडियो बनाकर मीडिया में वायरल कर दिया। इसके बाद सरकार ने मामले की गंभीरता देखते हुए जांच बिठाई और आज सुक्खू सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। बीते कल तक आईजीएमसी प्रशासन ने जांच पूरी होने तक डॉक्टर को अवकाश पर भेजा था। आज टर्मिनेट कर दिया है। इसके अतिरिक्त, मरीज पक्ष ने डॉक्टर के खिलाफ पुलिस में प्राथमिकी (FIR) भी दर्ज कराई है, जिसकी जांच जारी है। मरीज और सीनियर डॉक्टर दोनों जिम्मेदार इसके बाद, राज्य सरकार ने 23 दिसंबर 2025 को एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया। इस समिति को 72 घंटे के भीतर अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि इस घटना के लिए मरीज और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर दोनों जिम्मेदार थे। रिपोर्ट में इसे कदाचार, दुर्व्यवहार, सार्वजनिक सेवक के लिए अनुचित आचरण और रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी 2025 का उल्लंघन माना गया। इन निष्कर्षों के आधार पर, सक्षम प्राधिकारी ने रेजिडेंट डॉक्टर पॉलिसी 2025 की धारा-9 के तहत कार्रवाई करते हुए डॉ. राघव निरुला की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई पुलिस जांच और अन्य संबंधित प्राधिकारों की रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी। IGMC प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अस्पताल में अनुशासन और मरीजों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।

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