कांगड़ा के डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में हाल ही में एक गंभीर स्थिति सामने आई, जब बैजनाथ से रेफर किए गए एक मरीज को कथित तौर पर उपचार नहीं मिला। परिजनों ने डॉक्टरों पर लंबे समय से मरीज को न देखने और ऑपरेशन न करने का आरोप लगाते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में जब मेडिकल अधीक्षक डॉ. विवेक बन्याल और प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। हालांकि, उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो देखने की बात स्वीकार की। मरीज की हालत में सुधार होने तक रोके गए थे टेस्ट प्राचार्य डॉ. मिलाप शर्मा ने जांच के बाद बताया कि मरीज की पहचान जोगिंदर नगर के चांदनी निवासी विनोद कुमार के रूप में हुई है, जिसे गंभीर ब्रेन हेमरेज के कारण बैजनाथ से रेफर किया गया था। मरीज बेहोशी की हालत में था और उसका सीटी स्कैन भी हो चुका था। डॉक्टरों ने आपातकालीन विभाग में मरीज की जांच की और न्यूरोसर्जन से आगे के इलाज पर चर्चा की। न्यूरोसर्जन ने सीटी एंजियोग्राफी करवाने की सलाह दी, लेकिन यह तभी संभव था जब मरीज की हालत थोड़ी स्थिर होती। डॉक्टरों ने बताया कि ब्रेन हेमरेज की इतनी गंभीर स्थिति में, जब मरीज का शरीर सहयोग नहीं करता, तो कई टेस्ट नहीं किए जा सकते। फिलहाल, मरीज की हालत में सुधार होने तक सभी टेस्ट रोक दिए गए थे। इसके बाद, परिजनों ने मरीज को कहीं और ले जाने की इच्छा व्यक्त की, जिसके बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों ने की कार्रवाई की मांग उधर, परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि आपातकालीन विभाग में आए मरीजों के साथ डॉक्टर ऐसा व्यवहार करते हैं, तो ओपीडी में आने वाले मरीजों की जांच का क्या हाल होगा। उन्होंने सरकार से जांच करवाकर लापरवाह डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, ताकि सरकारी अस्पतालों पर जनता का विश्वास बना रहे।