शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (IGMC) में सोमवार को इलाज को लेकर डॉक्टर और एक मरीज के बीच हाथापाई हो गई। इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल परिसर में नारेबाजी की और डॉक्टर पर मारपीट का आरोप लगाया। परिजनों के अनुसार, मरीज चौपाल क्षेत्र का रहने वाला है। उनका आरोप है कि इलाज के दौरान कहासुनी हुई, जो बाद में हाथापाई में बदल गई। घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन सक्रिय हुआ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राहुल राव मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच गई है और अस्पताल प्रबंधन के साथ बातचीत जारी है। प्रशासन ने निष्पक्ष जांच का दिया आश्वासन घटना के बाद अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए तनाव का माहौल बन गया था। प्रशासन ने परिजनों को मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। अस्पताल सूत्रों ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी जुटाई जा रही है और सीसीटीवी फुटेज सहित सभी संबंधित पहलुओं की जांच की जाएगी। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है। पुलिस और अस्पताल प्रशासन की ओर से औपचारिक शिकायत दर्ज करने और आगे की कार्रवाई को लेकर प्रक्रिया जारी है। क्षेत्रवासी ने दी जानकारी मौके पर पहुंचे क्षेत्र वासी नरेश दासता ने बताया कि अर्जुन पंवार नाम का मरीज यहां पर इलाज के लिए यहां आया था। डॉक्टरों ने उसकी एंडोस्कोपी की और कहा कि आपकी एंडोस्कोपी हो गई है। आप दूसरे वार्ड में जाकर आराम करें। उस समय उनके मुंह पर मास्क था। इसके बाद वह अपने परिजनों के साथ ई वार्ड में शिफ्ट हुए जहां एक खाली बेड देख कर वहां आराम करने लगे। इस बीच वहां एक डॉक्टर आए उन्होंने कहा कि तू यहां कहा से आ गया। तब मरीज ने कहा कि उन्हें रेस्ट करने के लिए डॉक्टर ने कहा है और यहां बेड खाली था तो वो यहां लेट गए। इसके बाद डॉक्टरों ने उनके साथ बदतमीजी की और जब उन्होंने उन्हें तू तड़ाक से बात न करने पर कहा तो उन्होंने हाथापाई की। नरेश ने कहा कि एम एस से फोन के माध्यम से बात हुई है अभी वो यहां आ रहे है। उनसे मांग है कि डॉक्टर को तुंरत बर्खास्त किया जाए।

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