शिमला जिला के रामपुर क्षेत्र में सतलुज नदी पर बने नाथपा डैम से आज पानी छोड़ा जाएगा। नाथपा-झाकड़ी जलविद्युत परियोजना प्रबंधन के अनुसार, सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक डैम के गेट ओपन किए जाएंगे। इस दौरान नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है, जिसे देखते हुए सतलुज नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। परियोजना प्रबंधन के अनुसार, इस अवधि में डैम के रेडियल गेट्स के माध्यम से लगभग 170 क्यूमेक्स पानी सतलुज नदी में छोड़ा जाएगा। यह प्रक्रिया रेडियल गेट्स के रखरखाव कार्य के चलते की जा रही है। प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि यह एक तकनीकी और नियोजित प्रक्रिया है, लेकिन इसके कारण नदी में जल प्रवाह तेज हो सकता है। नदी किनारे रहने वालों को सतर्क रहने की अपील नाथपा-झाकड़ी परियोजना के परियोजना प्रमुख राजीव कपूर ने सतलुज नदी के आसपास रहने वाले निवासियों, मछुआरों, पशुपालकों और नदी किनारे कार्य करने वाले श्रमिकों से विशेष सावधानी बरतने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में नदी के करीब जाना जोखिम भरा हो सकता है। मछुआरों को नदी में न उतरने की सलाह परियोजना प्रबंधन ने खास तौर पर मछुआरों से अपील की है कि वे पानी छोड़े जाने की अवधि के दौरान नदी में न उतरें और अपने उपकरण नदी से दूर रखें। आम जनता से भी नदी से सुरक्षित दूरी बनाए रखने और अनावश्यक रूप से नदी किनारे न जाने का अनुरोध किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। पाकिस्तान तक बहता है सतलुज का पानी बता दें कि नाथपा डैम से छोड़ा गया पानी सतलुज नदी के माध्यम से रामपुर, सुन्नी, बिलासपुर, नंगल सहित कई क्षेत्रों से होकर आगे पाकिस्तान में प्रवेश करता है। ऐसे में डैम से पानी छोड़े जाने का असर नदी के निचले इलाकों में भी देखा जा सकता है।