हिमाचल में शिमला के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने वर्ष 2016 के एक हत्या मामले में दोषी सेस राम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। यह फैसला हाईकोर्ट के निर्देश पर दोबारा सुनाया गया है। उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने इसकी जानकारी दी। उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने बताया कि, वर्ष 2019 में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुजा सूद की कोर्ट ने आरोपी को पहले भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने जिला अदालत को वापस भेजा था केस हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान फैसले में कुछ तकनीकी खामियां पाईं। इसके बाद, मामले की केस फाइल को पुनर्मूल्यांकन और पुनः निर्णय के लिए उसी कोर्ट को वापस भेज दिया गया था। यह मामला वर्ष 2016 की एक घटना से संबंधित है। हत्या के दोषी सेस राम ने एक अध्यापक को अपने घर बुलाया, उसे शराब पिलाई और फिर दराट से शिक्षक का सिर धड़ से अलग कर दिया। हत्या के बाद शव को पास की झाड़ियों में छिपा दिया था। हाईकोर्ट द्वारा दर्शाए गए बिंदुओं के आधार पर आरोपी को पुनः अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने दोषी को दोबारा उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई। सरकार की ओर से इस मुकदमे की पैरवी उप-जिला न्यायवादी कमल चंदेल ने की।