हिमाचल में रेलवे के विकास के लिए तेजी से प्रयास किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश को उत्तरी रेलवे जोन में शामिल किया गया है। 2025-26 के लिए इस जोन को कुल 2,216 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। इसमें से अब तक 919 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। लोकसभा में कांगड़ा-चंबा के सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज को यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत देशभर में 1337 रेलवे स्टेशनों का विकास किया जा रहा है।इसके अतिरिक्त, रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ योजना को भी महत्व दिया जा रहा है। दिव्यांग यात्रियों के लिए भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर होगी क्या क्या सुविधाएं हिमाचल प्रदेश के पांच स्टेशन – पालमपुर, शिमला, बैजनाथ पपरोला, अम्ब अम्बोटा और पंचरुखी – इस योजना में शामिल हैं। इनमें से पालमपुर, बैजनाथ पपरोला और अम्ब अम्बोटा रेलवे स्टेशनों का विकास कार्य पूरा हो चुका है। शिमला स्टेशन मास्टर प्लानिंग के तहत विकासाधीन है। पंचरुखी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म, शेल्टर, वेटिंग हॉल, पेयजल, शौचालय और यात्रियों के बैठने की बेहतर सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जो निर्धारित मानकों से अधिक हैं। सुविधाओं के विस्तार के लिए सुझाव मांगे रेल मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे की बुनियादी सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार, सांसद, केंद्रीय मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों से नियमित सुझाव प्राप्त होते हैं, जिनकी जांच-पड़ताल के बाद उन्हें लागू किया जाता है। अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशनों पर आधुनिक वेटिंग हॉल, टॉयलेट, वाटर बूथ, लिफ्ट, एस्केलेटर और रैंप जैसी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।

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