हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के रामपुर की डांसा पंचायत में ग्रामीणों के 10 से ज्यादा पालतू मवेशियों को शिकार बना चुका भालू वन विभाग द्वारा लगाए पिंजरे में फंस गया है। अब इस भालू को रामपुर से दूर दराज के क्षेत्र के घने जंगल में छोड़ दिया गया है। भालू के पकड़े जाने के बाद डांसा पंचायत के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। क्षेत्र के लोग बीते एक महीने से दिन भी भी अपने घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे थे। ग्रामीणों के मुताबिक मादा भालू उनके 10 से ज्यादा गाय, बछड़े और पालतू कुत्ते को शिकार बना चुकी थी। यही नहीं ग्रामीणों द्वारा पालतू मवेशियों के लिए बनाए गए शेड में भालू द्वारा कई बाद तोड़फोड़ भी की गई। भालू के आतंक से ग्रामीण दिन के वक्त में भी अपने खेतों में काम को नहीं जा पा रहे थे। ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने बीते शुक्रवार को डांसा पंचायत में पिंजरा लगाया। इसमें काफी सारे फल व सब्जियां डाली गई। शनिवार रात को जैसे ही भालू पिंजरे में फल व सब्जियां खाने गया, उसी वक्त पिंजरा बंद हो गया और भालू इसमें फंस गया। भालू की लगभग चार साल उम्र बताई जा रही इसके बाद वन विभाग ने ट्रेंक्यूलाइजर से भालू को बेहोश किया और पीठ पर उठाकर गाड़ी तक पहुंचाया। गाड़ी से भालू को डांसा पंचायत से दूर दराज क्षेत्र के जंगल में होश में आने के बाद छोड़ दिया गया। भालू की उम्र साढ़े तीन से चार साल के बीच बताई जा रही है। पहली बार पकड़ा गया बड़ा भालू वन विभाग का मानना है कि इतने बड़े भालू को प्रदेश में पहली बार पकड़ा गया है। विभाग ने इसके लिए रैपिड रेस्क्यू टीम (RRT) गठित की थी। यह टीम बीते तीन-चार दिन से क्षेत्र के लोगों को लाउड स्पीकर से लगातार जागरूक व सावधान रहने की अपील कर रही थी। ग्रामीणों ने जताया आभार वन मंडल अधिकारी रामपुर गुरहर्ष सिंह के निर्देश पर डिप्टी रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर ललित भारती, वन रक्षक सुरजीत कुमार, सहायक उप-अरण्यपाल वन मंडल रामपुर तेज सिंह इत्यादि का ग्रामीणों ने भालू को पकड़ने के बाद आभार जताया।