धर्मशाला में चल रहे हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के छठे दिन बुधवार को ओबीसी संघर्ष समिति ने जरोबार स्टेडियम में जोरदार प्रदर्शन किया। समिति ने सरकार पर अपनी 21 प्रमुख मांगों पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया और स्थिति को गंभीर बताया। सूत्रों के अनुसार, समिति ने सितंबर महीने में धर्मशाला में 20 हजार से अधिक लोगों की रैली आयोजित कर अपनी मांगों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया था। हालांकि, इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई संवाद नहीं हुआ। ओबीसी संघर्ष समिति ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस शीतकालीन विधानसभा सत्र में उनकी मांगों पर चर्चा नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। समिति के प्रमुख नेताओं ने बताया कि उनकी मांगों में शिक्षा, सरकारी नौकरियों में आरक्षण, जमीन संबंधी अधिकार और सामाजिक न्याय से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय और राज्य सरकार से कई बार मुलाकात के प्रयास किए गए, लेकिन सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। ये मांगे हिमाचल की राजनीति में जोड़ेंगी नया आयाम स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओबीसी वर्ग की ये मांगें हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नया आयाम जोड़ सकती हैं, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए। इस बीच, प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया है। ओबीसी संघर्ष समिति के एक पदाधिकारी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज़ उठाना चाहते हैं, लेकिन अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम और अधिक संगठित होकर आंदोलन करेंगे। सरकार को हमारी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द सुनिश्चित करना चाहिए।”