हिमाचल प्रदेश को नशामुक्त बनाने की दिशा में आज धर्मशाला में विशाल वॉकथॉन आयोजित की गई। इसमें हजारों की संख्या में लोग उमड़े। प्रदेश पुलिस की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। ‘चिट्टे पर प्रहार, धर्मशाला तैयार’ नारे के साथ हुए इस वॉकथॉन में युवाओं, विद्यार्थियों, अभिभावकों, स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ नागरिकों तक ने बड़ी संख्या में भाग लिया। पुलिस बल भी आम जनता के साथ कदम से कदम मिलाता रहा। वॉकथॉन के दौरान सैकड़ों लोग ‘नशा छोड़ो, जीवन जोड़ो’, ‘युवा बचाओ- हिमाचल बचाओ’, और ‘चिट्टे पर प्रहार- धर्मशाला तैयार’ जैसे नारों के साथ आगे बढ़ते रहे। नशे के खिलाफ आज धर्मशाला की सबसे बड़ी मुहिम धर्मशाला के जिला मुख्यालय से शुरू हुआ यह वॉकथॉन सुबह से ही उत्साह का केंद्र बना रहा। अलग-अलग शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय नागरिकों ने इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पुलिस की ओर से जगह-जगह सुरक्षा व्यवस्था और सहयोग के लिए कर्मी तैनात थे। उत्तर रेंज की डीआईजी सौम्या साम्बसिवन स्वयं वॉकथॉन में अग्रिम पंक्ति में शामिल रहीं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे हिमाचल को चिट्टा जैसे घातक नशे से मुक्त कराने के लिए आगे आएं। सीएम सुक्खू बोले- ‘यह लड़ाई सरकार और जनता की साझी है’ इस दौरान सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा- नशे के खिलाफ यह लड़ाई किसी एक विभाग की नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। उन्होंने कहा- ‘हिमाचल की युवा पीढ़ी को बचाना हमारा पहला कर्तव्य है। चिट्टा एक ऐसा जहर है जो समाज की जड़ें खोखली कर रहा है। पुलिस, प्रशासन और जनता मिलकर ही इस जहर का सफाया कर सकते हैं।’ सुक्खू ने स्पष्ट किया कि सरकार ड्रग नेटवर्क को तोड़ने के लिए सख्त कदम उठा रही है। हाल ही में नशा माफियाओं पर कार्रवाई तेज की गई है और कई बड़े नेटवर्क पकड़े गए हैं। क्यों जरूरी है यह अभियान? हिमाचल में पिछले कुछ वर्षों में सिंथेटिक ड्रग्स, विशेषकर चिट्टा, की तस्करी और सेवन तेजी से बढ़ा है। नशे की वजह से कई परिवार टूट रहे हैं, युवा जीवन बर्बाद हो रहा है और समाज में अपराध भी बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि हिमाचल को उड़ता पंजाब बोला जाने लगा है। वॉकथॉन के पीछे मुख्य उद्देश्य 1. युवाओं को जागरूक करना- चिट्टा जैसी ड्रग्स सीधे तौर पर 15 से 30 वर्ष की आयु वर्ग में अधिक फैल रही हैं। वॉकथॉन का मकसद था युवाओं को यह संदेश देना कि यह न सिर्फ जीवन नष्ट करता है, बल्कि परिवार और समाज पर भी गहरा असर डालता है। 2. समाज को एकजुट करना- नशे के खिलाफ लड़ाई तभी सफल होगी जब पूरा समाज एक साथ खड़ा होगा। इस वॉकथॉन में हर वर्ग की भागीदारी ने यह दर्शाया कि जनता नशे के खिलाफ निर्णायक कदम के लिए तैयार है। 3. पुलिस की सख्त कार्रवाई का संकेत- डीआईजी सौम्या साम्बसिवन और पुलिस की बड़ी उपस्थिति ने यह स्पष्ट किया कि पुलिस सिर्फ अभियान नहीं चला रही, बल्कि जमीनी स्तर पर कठोर कार्रवाई भी कर रही है। 4. राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दिखाना- सीएम सुक्खू की उपस्थिति ने इस मुहिम को बड़े स्तर पर समर्थन दिया। यह संकेत भी गया कि सरकार नशा माफियाओं के खिलाफ अब “जीरो टॉलरेंस” नीति के साथ आगे बढ़ रही है। जागरूकता ही सबसे बड़ी दीवार सौम्या साम्बसिवन ने कहा- नशे के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार ‘जागरूकता’ ही है। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने, साथियों को भी रोकने और किसी भी संदिग्ध नशा गतिविधि की जानकारी पुलिस को देने की अपील की। उन्होंने कहा- पुलिस लगातार चिट्टा सप्लायरों के खिलाफ अभियान चला रही है। स्कूलों-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। सोशल मीडिया पर भी चिट्टा विरोधी मुहिम चलाई जा रही है। इससे पहले राज्य सरकार शिमला में भी नशे के खिलाफ ऐसी ही वॉकथॉन कर चुकी है। सरकार ने नशे के खात्मे के लिए सभी जिलों में ऐसी वॉकथॉन करने का फैसला लिया है।

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