हिमाचल हाईकोर्ट ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार आरोपी एएसआई पंकज शर्मा को जमानत दे दी है। जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने पंकज शर्मा को सशर्त जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि वीरेंद्र सिंह कोर्ट की इजाजत के बगैर देश से बाहर नहीं जाएगा। इस दौरान वह अभियोजन पक्ष के गवाहों पर कोई दबाव नहीं बनाएगा और न ही गवाहों को प्रलोभन व धमकी देगा। दूसरी ओर पंकज शर्मा ने कहा कि वह बेगुनाह है। उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। वह पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रहा है और कथित घटना के समय वह पुलिस स्टेशन सदर शिमला में तैनात था। सीबीआई ने 14 सितंबर को किया था गिरफ्तार केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने पंकज शर्मा को 14 सितंबर को उसके पैतृक स्थान जोल बहल, पोस्ट ऑफिस डांगर, तहसील घुमारवीं बिलासपुर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद, उसे 16 सितंबर को शिमला के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन की पुलिस कस्टडी के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया। डेढ़ माह बाद मिली जमानत पंकज शर्मा को डेढ़ महीने बाद जमानत मिली है। अदालत ने उसे 50 हजार रुपए के पर्सनल बॉन्ड पर रिहा किया। हालांकि, इस दौरान सीबीआई ने पंकज की जमानत का विरोध किया। पेन ड्राइव छिपाने का आरोप बता दें कि पंकज शर्मा पर हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत के बाद उनकी जेब से मिली पेन ड्राइव छिपाने के आरोप है। इसका खुलासा एक मछुआरे द्वारा बनाए गए वीडियो से हुआ था। पंकज पर इस केस से जुड़े सबूत मिटाने व छेड़छाड़ के आरोप है।
