हिमाचल प्रदेश में रेगुलर की जगह कार्यवाहक (एक्टिंग) अधिकारियों की तैनाती पर राज्यपाल ने संज्ञान लिया है। गवर्नर शिव प्रताप शुक्ल ने इसे लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इसमें राज्यपाल ने एक व्यक्ति द्वारा राज्यपाल को भेजी शिकायत पर उचित कार्रवाई करने को कहा है। दरअसल, हिमाचल में पहली बार कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी (CS), कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP), कार्यवाहक हेड ऑफ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट (PCCF-HoFF) के साथ साथ राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भी सदस्य सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता को प्रतिनियुक्ति आधार पर लगाया गया है। एक कार्यकर्ता ने राज्यपाल से इसकी शिकायत की। विपक्ष भी सरकार इस फैसले की बार बार निंदा कर रहा है। हिमाचल के रिटायर ब्यूरोक्रेट भी इस फैसले से हैरानी जता चुके है, क्योंकि प्रदेश में पहली बार IAS, IPS और IFS तीनों कैटेगरी के मुखिया नॉन रेगुलर हैं। रिटायर IAS भी हैरान हिमाचल के रिटायर IAS दीपक सानन ने इस फैसले को हैरान करने वाला बताया। उन्होंने कहा- प्रदेश में पहली बार चीफ सेक्रेटरी और पुलिस महानिदेशक को एडिश्नल चार्ज दिया गया है। उन्होंने पहले कभी भी ऐसा नहीं देखा। सरकार का यह फैसला उनकी समझ से परे है। इन पदों पर रेगुलर पोस्टिंग होनी चाहिए, ताकि अधिकारी बिना किसी दबाव के काम कर सके। DGP 5 महीने से एक्टिंग बता दें कि हिमाचल में पांच महीने महीने से DGP, दो महीने से PCCF-HoFF, लगभग 25 दिन से चीफ सेक्रेटरी कार्यवाहक है। सरकार ने प्रबोध सक्सेना के रिटायर होने के बाद ब्यूरोक्रेसी के मुखिया संजय गुप्ता को कार्यवाहक चीफ सेक्रेटरी बनाया। इसी तरह डॉ. अतुल वर्मा के रिटायर होने पर अशोक तिवारी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। पूर्व व वर्तमान दोनों PCCF कार्यवाहक वन विभाग के पूर्व मुखिया एवं IFS पवनेश कुमार को भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। इनके रिटायर होने के बाद IFS संजय सूद को भी एडिशनल चार्ज दिया गया।सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव का भी अतिरिक्त कार्यभार पीके गुप्ता को दिया है। इस वजह से चर्चा में आया फैसला इससे पहले, कभी भी किसी मुख्य सचिव, DGP के रिटायर होने पर नए एडिशनल चार्ज नहीं दिया गया या फिर एक-दो दिन व किसी अधिकारी के लंबी छुट्टी जाने पर अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। इस वजह से सरकार का यह फैसला चर्चा में का कारण बन गया है। अब यह मामला राजभवन पहुंच चुका है। गवर्नर ने एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ने शासन की विचित्र स्थिति पर मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है, क्योंकि तभी एडहॉक अधिकारी अनिश्चितता के माहौल में काम कर रहे हैं।