कांगड़ा अब तेजी से हिमाचल की पर्यटन राजधानी बनने की दिशा में अग्रसर है। पौंग झील में जल-क्रीड़ा गतिविधियों का शुभारंभ होने वाला है, लेकिन इसकी अंतिम मंजूरी अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेल संस्थान (ABVIMAS) मनाली से मिलना बाकी है। पौंग झील में पर्यटक वाटर स्कूटर, कायकिंग, बोटिंग और अन्य रोमांचक जल-क्रीड़ा गतिविधियों का अनुभव कर सकेंगे। जिला वाटर स्पोर्ट्स सोसाइटी द्वारा चयनित ऑपरेटर सभी तकनीकी मानकों पर खरा उतर चुका है। तकनीकी जांच पूरी, अब अनुमति का इंतजार जिला प्रशासन की तकनीकी कमेटी ने उपकरणों की जांच पूरी कर रिपोर्ट मनाली भेज दी है। अब मनाली स्थित पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक की ओर से स्वीकृति की आधिकारिक मुहर लगना बाकी है। पर्यटन विभाग को उम्मीद है कि यह मंजूरी अगले सप्ताह तक मिल जाएगी। पौंग झील को प्रमुख वाटर स्पोर्ट्स हब बनाने का उद्देश्य पर्यटन विभाग का लक्ष्य पौंग झील को सिर्फ गतिविधियों का केंद्र न बनाकर हिमाचल का प्रमुख वाटर स्पोर्ट्स हब बनाना है। इस दिशा में प्रस्ताव भेजा गया है कि पर्यटकों के लिए शॉर्ट कोर्स शुरू किए जाएं, ताकि वे जल-क्रीड़ा सीखने का अवसर भी पा सकें। क्रूज बोटिंग की अनुमति अटकी हालांकि, पौंग झील में क्रूज बोटिंग शुरू करने की मंजूरी अभी अटकी हुई है। झील के बड़े क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया है। विभाग ने वाइल्ड लाइफ सोसाइटी से ‘साइलेंट क्रूज’ (ध्वनि-रहित क्रूज) की अनुमति मांगी है, ताकि पर्यावरण पर कोई असर न पड़े। जिला पर्यटन अधिकारी विनय धीमान ने बताया कि तकनीकी कमेटी ने सभी तैयारियों की पुष्टि कर दी है। जैसे ही पर्वतारोहण संस्थान से अनुमति मिलेगी, पौंग झील में व्यवसायिक वाटर स्पोर्ट्स औपचारिक तौर पर शुरू कर दी जाएंगी।

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