तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने सनाई ताकाइची को जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है। उन्होंने ताकाइची को लिखे पत्र में कहा कि जापान के इतिहास के इस महत्वपूर्ण मोड़ पर उनका दशकों का सार्वजनिक सेवा का अनुभव नेतृत्व देने में सहायक होगा। दलाई लामा ने ताकाइची की ऐतिहासिक जीत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए महिला नेतृत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा, “मुझे यह देखकर खुशी है कि जापान ने अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री का चुनाव किया है। मेरा मानना ​​है कि महिलाएं अधिक दयालु और दूसरों की भावनाओं के प्रति संवेदनशील होती हैं, ये गुण मैंने सबसे पहले अपनी मां से सीखे थे।” महिलाएं दूसरों के दर्द के प्रति होती हैं संवेदनशील : दलाई लामा उन्होंने आगे कहा कि वैज्ञानिक रूप से भी यह साबित हुआ है कि करुणा के मामले में महिलाएं दूसरों के दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। दलाई लामा ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि यदि अधिक महिला नेता होंगी, तो दुनिया एक अधिक समझदार और शांतिपूर्ण जगह बन जाएगी। अपने बधाई संदेश में, दलाई लामा ने विश्व शांति की दिशा में जापान के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने उल्लेख किया कि परमाणु हथियारों के हमले से अपार पीड़ा का अनुभव करने के बाद, जापान ने विश्व शांति स्थापित करने के अपने प्रयासों में लगातार नेतृत्व किया है और परमाणु नि:शस्त्रीकरण का स्पष्ट समर्थक रहा है। संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाने का आग्रह दलाई लामा ने ताकाइची से वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया के कई हिस्सों में अनिश्चितता और उथल-पुथल है, समस्याओं को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल करने के लिए ठोस प्रयास करना महत्वपूर्ण है।दलाई लामा ने अपने पत्र का समापन करते हुए ताकाइची को जापान और व्यापक दुनिया में खुशहाली को मजबूत करने की चुनौतियों और अवसरों को सफलतापूर्वक पूरा करने की शुभकामनाएं दीं।

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