शिमला जिला के रोहड़ू में कथित प्रताड़ना के बाद 12 साल के दलित बच्चे की आत्महत्या मामले में आरोपी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शिमला में गिरफ्तारी के बाद पुलिस महिला को रोहड़ू ले गई हैं। इसकी पुष्टि डीएसपी रोहड़ू प्रणव चौहान ने की। डीएसपी रोहड़ू प्रणव चौहान ने बताया कि महिला को आज रोहड़ू में कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगा जाएगा। इससे पहले, हिमाचल हाईकोर्ट महिला की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर चुका है। घर को छूने पर मारपीट की जस्टिस राकेश कैंथला की बैंच ने कहा- पुलिस द्वारा दायर स्टेट्स रिपोर्ट और प्राथमिकी का अवलोकन करने पर पाया कि इस मामले में प्रथम दृष्टया अभियुक्त ने आत्महत्या करने वाले बच्चे को पीटा था। उसे गौशाला में बंद कर दिया था, क्योंकि मृतक ने अभियुक्त के घर को छू लिया था। महिला ने बच्चे को अनुसूचित जाति का होने पर पीटा था वह, शुद्धिकरण के लिए बलि का बकरा चाहती थी। कोर्ट ने कहा- चूंकि यह अपराध मृतक की जाति के कारण किया गया था और यदि मृतक अनुसूचित जाति का सदस्य न होता तो शायद यह अपराध नहीं होता। जानें क्या है पूरा मामला यह मामला रोहड़ू उपमंडल के जांगला क्षेत्र के लिबड़ा गांव का है। मृतक बच्चे के परिजनों का आरोप है कि 16 सितंबर को उनके 12 वर्षीय बच्चे के साथ कथित तौर पर जातिगत प्रताड़ना और मारपीट की गई। 16 सितंबर की शाम को जब बच्चे की मां घर पहुंची तो बेटे को बेहोशी की हालत में देख, इसके बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार को ले जाया गया। यहां से बच्चे को IGMC शिमला रेफर किया गया। 17 सितंबर को बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। परिजनों को अस्पताल में पता चला कि बच्चे ने कोई जहरीला पदार्थ निगल लिया था। 20 सितंबर को परिजनों ने पुलिस को शिकायत दी बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने 20 सितंबर को रोहड़ू पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मगर तब एट्रोसिटी एक्ट नहीं लगा। इस मामले में तब बड़ा खुलासा हुआ जब बच्चे की मां ने मजिस्ट्रेट के सामने एक महिला पर जातिगत प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए। 28 सितंबर को मारपीट करने वाली महिला के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। एससी आयोग पुलिस जांच से नाराज अब इस मामले में हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार ने भी कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने इस मामले की जांच कर रहे एएसआई मंजीत को सस्पेंड करने के आदेश दिए है। उन्होंने डीएसपी रोहड़ू की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए एक्सप्लेनेशन मांगा है। एससी कमीशन ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाए और पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा को खतरा बताते हुए उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाने के निर्देश दिए।