हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) के पेंशनर्स ने लंबित पेंशन और अन्य देनदारियों की मांग को लेकर बुधवार को शिमला में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। HRTC पेंशनर्स को अभी तक पेंशन नहीं मिली है। जिसके विरोध में उन्होंने HRTC मुख्यालय से चौड़ा मैदान तक रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान सरकार और परिवहन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। पेंशनर्स कल्याण संगठन के अध्यक्ष देवराज ठाकुर ने बताया कि महीने की 15 तारीख बीत जाने के बाद भी HRTC पेंशनर्स को पेंशन नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन होने के बावजूद पेंशनर्स अपनी पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। पेंशनर्स को नहीं मिला आश्वासन देवराज ठाकुर ने जानकारी दी कि मंगलवार देर शाम उन्होंने HRTC के प्रबंध निदेशक(MD) और प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री व परिवहन विभाग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने आंकड़े संबंधित दस्तावेज को सामने रखा लेकिन उन्हें पेंशन जारी करने को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, जिसके कारण पेंशनर्स को सड़कों पर उतरना पड़ा। पेंशनर्स की प्रमुख मांग है कि अन्य सरकारी विभागों और निगमों की तरह HRTC में भी कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक निश्चित तारीख पर वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाए। वहीं HRTC के 50 साल पूरे होने पर CM सुक्खू द्वारा की गई घोषणाएं भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। DA के किश्तें जारी नहीं हुई है। इन सभी मांगों को लेकर पेंशनर्स सड़कों पर है। देवराज ठाकुर ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों पर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलता है, तो पेंशनर्स भविष्य में बड़ा आंदोलन करेंगे। CM सुक्खू बोले आपदा के कारण नहीं हुई HRTC की कमाई वही जब बुधवार को मुख्यमंत्री से इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के मसलों को उपमुख्यमंत्री देख रहे है लेकिन प्रदेश सरकार HRTC को हर साल साढ़े सात करोड़ का अनुदान देती है और 70 करोड़ हर माह HRTC खुद कमाती है। CM ने कहा कि उन्होंने15 तारीख तक पेंशनर्स को पेंशन सुनिश्चित करने को कहा है लेकिन आपदा के कारण 2 महीने HRTC की कमाई नहीं हो पाई है इसी कारण पेंशन देने में दिक्कत हुई है।

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