हिमाचल सरकार का उपक्रम मिल्कफेड इस बार दिवाली पर 500 क्विंटल मिठाइयां बेचेगा। यह मिठाइयां शुद्ध देसी घी से बनी होगी। प्रदेश में 30 काउंटर पर आज (बुधवार) से ही मिठाइयां मिलनी शुरू होगी। इन काउंटर पर दिवाली की पूर्व संध्या यानी 19 अक्टूबर तक मिठाइयां मिलेगी। बता दें, कि त्योहारी सीजन पर मिलावटी मिठाइयों के विकल्प के तौर पर मिल्कफेड कई सालों से दिवाली पर विभिन्न मिठाइयां उपलब्ध कराता है। कोरोना से पहले यानी 2109 तक मिल्कफेड खुद मिठाइयां बनाता था। मगर कोरोना काल के बाद मिल्कफेड थर्ड पार्टी से मिठाइयां बनवा रहा है। चंडीगढ़ स्वीट्स शॉप कर रही मेन्यूफेक्चरिंग इस बार, चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेस-1 में स्थित चंडीगढ़ स्वीट्स शॉप को मिठाइयां बनाने का ऑर्डर दिया गया है। इसके लिए, मिल्कफेड ने चंडीगढ़ स्वीट्स शॉप को शुद्ध देसी घी प्रोवाइड करवा दिया है। इससे बनी मिठाइयां मिल्कफेड के काउंटर पर आज से मिलनी शुरू होगी। हाथों-हाथ बिकती है मिल्कफेड की मिठाइयां हिमाचल में मिल्कफेड की मिठाइयों को लोग बड़े चाव से भरोसे के साथ खरीदते हैं। खासकर ब्यूरोक्रेट और राजनेता स्पेशल इन मिठाइयों को काफी ज्यादा खरीदते है और दिवाली पर दोस्तों व रिश्तेदारों को गिफ्ट भी करते हैं, क्योंकि मिल्कफेड की मिठाइयां देसी घी से बनी होती है। वहीं दिवाली पर बाजार में मिलने वाली मिठाइयों की गुणवत्ता सवालों के घेरे में रहती है। इस वजह से लोग हाथों हाथ मिल्कफेड की मिठाइयां खरीदते हैं। क्वालिटी जांच को टीमें बनाई: संदीप मिल्कफेड के मार्केटिंग मैनेजर संदीप शर्मा ने बताया- इस बार क्वालिटी का खास ध्यान रखा जा रहा है। गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष टीम गठित की गई है, जो कि मिठाइयों के सैंपल जांचेगी। उन्होंने बताया- मैन्युफेक्चरिंग का काम सीसीटीवी की निगरानी में किया जा रहा है। इन सीसीटीवी की जांच का एक्सेस मिल्कफेड के पास है। उन्होंने बताया कि मिल्कफेड की मिठाइयां मार्केट रेट से कम या समानांतर रेट पर मिलेगी। शिमला सचिवालय में दो काउंटर, शिमला के उप नगर संजौली, जिला कोर्ट चक्कर में एक-एक काउंटर खोला गया है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 30 काउंटर खोले गए हैं। इन काउंटर पर मिल्क केक, डोडा बर्फी, काजू बर्फी, सोन पापड़ी, कोकोनट बर्फी, बेसन लड्डू इत्यादि उपलब्ध रहेगी। पशुपालकों से दूध खरीद करता है मिल्कफेड हिमाचल में मिल्कफेड की स्थापना 1990 में की गई और इसने अपना काम 1993 में शुरू किया। वर्तमान में मिल्कफेड पशुपालकों से विभिन्न सोसाइटी के माध्यम से दूध की खरीद करता है। इससे डेयरी संयंत्रों घी, मक्खन, पनीर, दही और खोया जैसे उत्पाद तैयार करके बाजार में बेचे जाते हैं। इसके अलावा, यह सहकारी समितियों को संगठित करके और दूध खरीदकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।