हिमाचल में बीती रात 8 बजे से एम्बुलेंस सेवाएं ठप पड़ी हुई है। प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में मरीजों को एम्बुलेंस नहीं मिल रही। इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एम्बुलेंस कर्मी अपनी मांगों को लेकर 24 घंटे की हड़ताल पर हैं। सीटू के बैनर तले इनकी हड़ताल आज रात 8 बजे तक जारी रहेगी। इससे लोग आज प्राइवेट गाड़ियां करके अस्पताल पहुंच रहे हैं। एम्बुलेंस कर्मचारियों ने आज शिमला के कसुम्पटी में नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) कार्यालय के बाहर 11:30 बजे प्रदर्शन शुरू दिया। एम्बुलेंस कर्मियों की प्रमुख मांगे एम्बुलेंस कर्मचारी ओवर टाइम की मांग कर रहे हैं। इनसे काम 12 -12 घंटे लिया जा रहा है, जबकि मानदेय 8 घंटे का दिया जा रहा है। एम्बुलेंस कर्मियों का आरोप है कि हाईकोर्ट, लेबर कोर्ट, सीजीएम कोर्ट शिमला और श्रम कार्यालय के आदेशों के बावजूद उनका शोषण किया जा रहा है। इसके अलावा, ईपीएफ और ईएसआई के क्रियान्वयन में भी बड़ी त्रुटियां हैं। इन मांगों को लेकर एम्बुलेंस कर्मी कई बार सेवा प्रदाता कंपनी और NHM प्रबंधन से मिल चुके हैं। मगर बार बार इनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। इसे देखते हुए एम्बुलेंस कर्मियों ने आज 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल का फैसला लिया है। मांगे नहीं मानी तो उग्र आंदोलन होगा: बालकराम एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के महासचिव बालकराम ने बताया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। सीटू के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा- एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी कर्मचारियों से 12 घंटे काम करवा रही है, फिर भी इन्हें ओवरटाइम नहीं दिया जा रहा। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद कर्मचारियों के ईपीएफ और ईएसआई में गंभीर त्रुटियां हैं। उन्होंने कहा- कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है और कुछ का तबादला किया जा रहा है। उन्होंने कंपनी की मनमानी के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने की बात कही।

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