हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। परिवहन विभाग के ऑनलाइन पोर्टल के अनुसार, जिले में लगभग 200 ‘ब्लैक स्पॉट्स’ (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) की पहचान की गई है। इन स्थानों पर सड़क हादसों में दो या दो से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं। पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई करेंगे काम उपायुक्त हेमराज बैरवा ने जिला स्तरीय रोड सेफ्टी मीटिंग की अध्यक्षता की। उन्होंने इन सभी ब्लैक स्पॉट्स को समयबद्ध तरीके से दुरुस्त करने के निर्देश जारी किए। डीसी ने बताया कि इन 200 खतरनाक स्थानों की सूची संबंधित एसडीएम को भेजी जा रही है, ताकि वे लोक निर्माण विभाग (PWD) और एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर दुरुस्ती का काम जल्द पूरा करवा सकें। संभावित जगहों पर बार मार्किंग अनिवार्य डीसी बैरवा ने सड़क निर्माण में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां संपर्क रास्ते नेशनल हाईवे या अन्य हाईवे से जुड़ते हैं, वहां सेंसर लगाए जाएं। इसके अतिरिक्त, दुर्घटना संभावित जगहों पर बार मार्किंग अनिवार्य की जाएगी, ताकि चालक समय रहते सतर्क हो सकें। उपायुक्त ने परिवहन विभाग को सुबह और शाम के समय ओवरलोडिंग वाले रूट्स की समीक्षा करने और उन पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सुरक्षा नियमों का सख्ती से करवाएं पालन उन्होंने कहा कि आमजन को असुविधा न हो। हादसों के दौरान अब वाहनों के कागजात की भी जांच की जाएगी, जिससे दुर्घटना के कारणों का सही आकलन किया जा सके। डीसी ने सभी अधिकारियों को सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने की सख्त चेतावनी दी है, ताकि प्रतिदिन होने वाले हादसों में कमी लाई जा सके।