हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शानन पावर प्रोजेक्ट की लीज समाप्त होने के बावजूद पंजाब सरकार इस परियोजना को वापस नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद, पंजाब और हरियाणा द्वारा लगाए गए अवरोधों की वजह से बीबीएमबी 4200 करोड़ रुपए हिमाचल को नहीं लौटा रहा। शिमला में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा- पंजाब और हरियाणा हमारे बड़े भाई हैं। इन दोनों राज्यों को अपने छोटे भाई का उदारतापूर्वक समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा- हिमाचल को कई मुद्दों पर अपने हिस्से के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हिमाचल ने पहले बीबीएमबी से बकाया एरियर की लंबी लड़ाई कोर्ट में लड़ी, जिसमें बाद में हिमाचल की जीत हुई। अब शानन प्रोजेक्ट की लड़ाई कोर्ट में लड़नी पड़ रही है। 14 साल बाद भी बीबीएमबी से एरियर नहीं मिला बता दें कि, 27 सितंबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट (SC) ने हिमाचल के पक्ष में फैसला सुनाया। तब SC ने बीबीएमबी के प्रोजेक्ट में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है। SC ने 2011 से पहले का लगभग 4200 करोड़ रुपए का एरियर हिमाचल को देने के बीबीएमबी को आदेश दिए। मगर यह एरियर SC के आदेशों के बावजूद 14 साल बीतने पर भी हिमाचल को नहीं मिला है। इन प्लेटफॉर्म पर एरियर का मामला उठाता रहा हिमाचल बीबीएमबी से बकाया एरियर के भुगतान की मांग हिमाचल सरकार उत्तर क्षेत्रीय परिषद मीटिंग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई प्लेटफॉर्म पर उठा चुका है। मगर, बीबीएमबी द्वारा हिमाचल को उसका नहीं दिया जा रहा। यही बात मुख्यमंत्री सुक्खू ने फिर से दोहराई है। उन्होंने पड़ोसी राज्य पंजाब-हरियाणा पर इसमें अड़चनें डालने के आरोप लगाए। अब शानन प्रोजेक्ट में पंजाब डाल रहा अड़चन इसी तरह हिमाचल में चल रहे शानन पावर प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज भी इसी साल अप्रैल में पूरी हो गई है। मगर पंजाब सरकार इसका स्वामित्व छोड़ने को तैयार नहीं है। लिहाजा इसके स्वामित्व के लिए हिमाचल को फिर से कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ रही है और यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है।

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