नीरज ने सुसाइड नोट में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई को लेकर अपनी असहजता और निराशा का जिक्र किया है। बेहद गरीब परिवार से आने वाले नीरज ने अब तक हिंदी माध्यम से पढ़ाई की थी, जिससे बीटेक की अंग्रेजी माध्यम की कक्षाएं उसे समझ में नहीं आती थीं। 

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