हिमाचल प्रदेश अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आज (सोमवार) पूर्ण साक्षर राज्य घोषित बन जाएगा। शिमला के पीटरहॉफ में कुछ देर में होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पूर्ण साक्षर राज्य की घोषणा करेंगे। उल्लास (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) कार्यक्रम के तहत हिमाचल देश का चौथा पूर्ण साक्षर राज्य बन जाएगा। देश में अभी तक उल्लास कार्यक्रम के तहत त्रिपुरा, मिजोरम और लक्षद्वीप पूर्ण साक्षर राज्य घोषित है। अब इन तीनों को पछाड़कर हिमाचल प्रदेश 99.02 फीसदी साक्षरता दर के साथ देश में शीर्ष पर पहुंच जाएगा। अभी तक मिजोरम 98.02 प्रतिशत साक्षरता दर के साथ पहले पायदान, लक्षद्वीप 97.3 फीसदी के साथ दूसरे और लक्षद्वीप 97.3 प्रतिशत साक्षरता के साथ तीसरे नंबर पर है। शिमला में होने वाले कार्यक्रम में आज भारत सरकार के शिक्षा सचिव संजय कुमार भी ऑनलाइन जुड़ेंगे। कैसे घोषित होता है साक्षर राज्य? बता दें केंद्र सरकार के मानकों के तहत जब किसी राज्य में 95 फीसदी या इससे अधिक आबादी साक्षर हो जाती हैं, तब उसे पूर्ण साक्षर राज्य घोषित किया जाता है। हिमाचल में 99.02% लोग साक्षर हो गए हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता दर अभी 80.9 फीसदी है। अब 56960 लोग निरक्षर बचे हिमाचल की अनुमानित आबादी लगभग 75.5 लाख है। इनमें से अब 56 हजार 960 निरक्षर बचे हैं। इन्हें साक्षर बनाने को मुख्यमंत्री सुक्खू नई योजना का भी ऐलान कर सकते हैं। साक्षरता दर बढ़ाने को लगातार जारी रहे अभियान साल 2011 जनगणना के अनुसार, हिमाचल में साक्षरता दर 82.80 प्रतिशत थी। राज्य में सभी लोगों को साक्षर बनाने के लिए केंद्र की उल्लास योजना के तहत लोगों को साक्षर किया गया। साल 2023 से 25 के बीच 43 हजार 885 लोगों को साक्षर बनाया गया। ऐसे तय होती है लिटरेसी मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के अनुसार, किसी व्यक्ति को तब साक्षर माना जाता है, जब वह साधारण शब्द पढ़ व लिख लेता हो। गणित की साधारण गणनाएं कर सकता हो। ऐसे में राज्य में यदि लोग यह कर लेते हैं तो उन्हें साक्षर माना जाता है। हिमाचल के लिए आज का दिन ऐतिहासिक शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया, हिमाचल प्रदेश आज पूर्ण साक्षर राज्य बनने जा रहा। आज का दिन हिमाचल के लिए ऐतिहासिक है। यह हम सब के लिए गौरव की बात है। वैसे तो देश का सबसे पहले साक्षर घोषित राज्य केरल है। मगर उल्लास कार्यक्रम में अभी चार राज्य ही साक्षर स्टेट है।