शिमला में रामपुर हाइड्रो पावर स्टेशन के ठेका मजदूर 68 दिनों से एसजेवीएनएल प्रबंधन के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। मजदूरों का विरोध 2 सितंबर को बर्खास्त किए गए 16 साथियों की नौकरी बहाली, कैंटीन के रेट्स में 35% की बढ़ोतरी और अन्य लंबित मजदूरी मुद्दों को लेकर है। सीटू के जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा और महासचिव तिलक राज के अनुसार, एसजेवीएनएल प्रबंधन ने 23 जून 2023 को मजदूरों की मांगों को नजरअंदाज किया। इसके कारण मजदूरों को 1 जुलाई से आंदोलन शुरू करना पड़ा। मजदूरों का आरोप है कि 60 साल तक काम करने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद कोई फायदा नहीं दिया गया। प्रबंधन ने सेवा फायदा, ग्रेच्युटी और बीमा का वादा किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया।मजदूरों के लिए कोई प्रमोशन नीति नहीं है। श्रम कानूनों का उल्लंघन कर उन्हें कम वेतन पर काम करवाया जा रहा है। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर 16 बर्खास्त मजदूरों को वापस नौकरी पर नहीं लिया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। धरने में प्रमोद तिलक राज, उत्तम सिंह, हेमराज, राज ठाकुर, संजीव, अभिषेक, देवेंद्र, दुर्गा, पवन कुमार समेत कई मजदूर मौजूद रहे।