कांगड़ा में लगातार बारिश और पौंग बांध से छोड़े जा रहे पानी के कारण इंदौरा क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति बन गई है। मंड इंदौरा और मंड मियांणी गांव पानी से घिर गए हैं। विधायक मलेंद्र राजन बुधवार को एनडीआरएफ की नाव और ट्रैक्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। एसडीएम डॉ. सुरिंद्र ठाकुर, तहसीलदार अमनदीप और बीएमओ इंदौरा भी विधायक के साथ थे। मेडिकल टीम ने प्रभावित परिवारों की जांच की और दवाइयां दीं। पंडोह बांध से पानी छोड़े जाने से पौंग डैम का जलस्तर 1394 फीट से अधिक हो गया है। प्रशासन ने राहत शिविर लगाए हैं। इनमें भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत कार्य कर रही हैं। बाढ़ से लोगों के घरों, फसलों और पशुओं को नुकसान हुआ है। विधायक ने प्रभावित परिवारों को जल्द मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों तक राहत पहुंचाई जाए। विधायक ने लोगों से खतरे वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है। पौंग डैम में जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर
धर्मशाला में पौंग डैम का जलस्तर लगातार चौथे दिन खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के अनुसार बुधवार दोपहर जलाशय का स्तर 1,394.15 फीट तक पहुंच गया। यह खतरे के निशान 1,390 फीट से करीब 4 फीट ऊपर है। पिछले 24 घंटों से हो रही बारिश ने स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है। डैम में पानी का प्रवाह 1,55,261 क्यूसेक दर्ज किया गया। जलभराव को नियंत्रित करने के लिए BBMB ने 6 पावर यूनिट चलाकर टर्बाइन से 16,988 क्यूसेक पानी छोड़ा। स्पिलवे गेट से 62,949 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। मुकेरियन हाइडल चैनल से 11,500 क्यूसेक और शाहनहर बैराज से 68,437 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे पंजाब के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल के गांवों में स्थिति चिंताजनक है। ब्यास पट्टी के धान के खेतों में खड़ी फसलें प्रभावित हो रही हैं।

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