हिमाचल प्रदेश में इस साल अगस्त की बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है। अगस्त में नॉर्मल से 72 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे है। इससे पहले अगस्त की रिकॉर्ड बारिश 2019 में नॉर्मल से 23 प्रतिशत ज्यादा थी। दूसरी सर्वाधिक बारिश अगस्त 2011 में सामान्य से 18 प्रतिशत ज्यादा थी। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश में 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच औसत 256.8 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 440.8 मिलीमीटर बारिश हुई। आज तक कभी भी अगस्त में इतनी ज्यादा बारिश नहीं हुई। कुल्लू जिला में तो सामान्य से 162 प्रतिशत अधिक यानी डबल से भी 62 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। कुल्लू में अगस्त में 180.2 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है। मगर इस बार 472.9 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। कुल्लू के बाद शिमला में सामान्य से 126% ज्यादा बारिश हुई। शिमला में इस अवधि में 196.4 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 444.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऊना जिला में सामान्य से 121% ज्यादा, सोलन में 118% और चंबा में 104% ज्यादा वर्षा हुई। 5 जिलों में डबल से भी ज्यादा बारिश प्रदेश में 5 जिले ऐसे हैं, जहां डबल से भी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। यही भारी बारिश तबाही का बड़ा कारण है। पूरे मानसून सीजन यानी 1 जून से 31 अगस्त तक भी सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। इस अवधि में प्रदेश में औसत सामान्य बारिश 613.8 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार 826.8 मिलीमीटर बादल बरस चुके हैं। 3056 करोड़ की संपत्ति नष्ट, 844 घर जमीदोंज प्रदेश में इससे 3056 करोड़ रुपए की सरकारी व प्राइवेट प्रॉपर्टी नष्ट हो चुकी है। मानसून सीजन में 320 लोगों की मौत, 844 घर पूरी तरह जमींदोज, 3254 घरों को आंशिक नुकसान, 472 दुकानें और 3710 घर टूट चुके हैं। बादल फटने की 45 घटनाओं से तबाही प्रदेश में इस सीजन में लैंडस्लाइड की 95 बड़ी घटनाओं, बाढ़ की 91 और बादल फटने की 45 घटनाओं से बड़े पैमाने पर जान व माल का नुकसान हुआ है। इससे न केवल हिमाचल बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब पर भी असर पड़ा है। पंजाब के कई इलाके इससे जलमग्न हो गए और भारी नुकसान हुआ। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि इस मानसून सीजन में जानी नुकसान कम हुआ है। मगर संपत्ति को साल 2023 की आपदा से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

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