हिमाचल प्रदेश के देहरा उपमंडल में स्थित स्वस्थानी माता मंदिर में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भारत के पहले तन्त्रकुल का उद्घाटन किया। उन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना की और परिसर में आंवले का पौधा लगाया। इस अवसर पर देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर और जसवां-प्रागपुर के विधायक बिक्रम सिंह ठाकुर उपस्थित रहे। मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। वातावरण मंत्रोच्चारण और शंखध्वनि से गुंजायमान रहा। मंत्र साधना में दीक्षित साधक किए जाएंगे तैयार तन्त्रकुल वेद-वेदांग और तंत्र विद्या का पहला राष्ट्रीय केंद्र है। आयोजन संयोजक साकेत कुमार मिश्र और मंदिर प्रबंधक विनोद शर्मा ने केंद्र के उद्देश्य बताए। यहां वैदिक शिक्षा दी जाएगी। मंत्र साधना में दीक्षित साधक तैयार किए जाएंगे। अनुष्ठानों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 40 से अधिक साधकों ने पूजा-अनुष्ठान किए कार्यक्रम में मां कामाख्या से जुड़े 40 से अधिक साधकों ने पूजा-अनुष्ठान किए। यहां सत चंडी पाठ, रुद्री, गणेश पूजन और काली विद्या की साधनाएं करवाई जाएंगी। हिमालय और पहाड़ी क्षेत्रों से आए तंत्र साधक भी कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम सुक्खू के भी कार्यक्रम में आने की संभावना कार्यक्रम के सह-संयोजकों ने बताया कि इस केंद्र से देश के युवा वास्तविक साधना पद्धतियां सीख सकेंगे। स्वस्थानी माता मंदिर को राष्ट्रीय तंत्र साधना केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी कार्यक्रम में आने की संभावना है। स्थानीय लोगों का मानना है कि तन्त्रकुल की स्थापना से देहरा की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनेगी। इससे क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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