{अनुरंजनी गौत्तम – शिमला} हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सरकार बनने के बाद से संस्थाओं को बंद करने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। मंडी में जयराम सरकार द्वारा खोले गए सरदार पटेल विश्वविद्यालय को लेकर प्रदेश का सियासी माहौल गरमा गया है। विपक्ष के नेता ने सरकार पर विश्वविद्यालय के दायरे को कम करने को लेकर हमला बोला है। साथ ही सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने विश्वविद्यालय के दायरे को कम करने के सवाल पर कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने के लिए बिना सुविधाओं के यह विश्वविद्यालय खोल दिया। वास्तव में विश्वविद्यालय नहीं बल्कि एक कॉलेज है। सरकार ने विश्वविद्यालय को बंद करने का फैसला नहीं लिया है, बल्कि उसके दायरे को कम किया है। जैसे ही अन्य सुविधाएं दी जाएगी सरकार विश्वविद्यालय के कार्य को आगे बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री ने हर सोमवार को सचिवों के साथ बैठक लेने का निर्णय लिया है। आज तीसरे सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने सचिवों के साथ बैठक की और आपदा से निपटने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए।उन्होंने कहा कि सरकार ने केंद्र की मदद के बिना भी अपने स्तर पर हिमाचल प्रदेश में सड़कों को खोलने का युद्ध स्तर पर कार्य किया है। मदद के लिए यदि प्रधानमंत्री से या फिर गृह मंत्री से मिलना पड़ेगा तब वह दिल्ली जाएंगे। प्रदेश में बढ़ रहे कर्ज के बोझ के सवाल पर सुखविंदर सिंह ने कहा कि पिछली सरकार 75 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज छोड़कर गई थी। आपदा के बाद प्रदेश पर और आर्थिक बोझ पड़ा है। बावजूद इसके सरकार 4 साल में हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाएगी और 10 साल में हिमाचल प्रदेश को बेहतर स्थिति में पहुंचाया जाएगा।