हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय (RKMV) ने एक अनूठी पहल शुरू की है। प्रदेश को प्लास्टिक फ्री बनाने के लिए कॉलेज मिसाल पेश कर रहा है। प्रशासन कॉलेज के टीचिंग, नॉन टीचिंग स्टाफ व कॉलेज में पड़ने वाली सभी छात्राओं से घरों या उन्हें रास्ते में भी कहीं प्लास्टिक मिले तो उसे कॉलेज में लाकर उससे विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रहे हैं। इससे पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के साथ कॉलेज की कुछ कमाई भी हो रही है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ अरुनिता सक्सेना ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने यह पहल शुरू की है। कॉलेज को प्लास्टिक फ्री बनाने व पर्यावरण के संरक्षण के लिए वह यह कार्य कर रहे हैं। कॉलेज के सहयोगी इसमें उनका काफी सहयोग कर रहे है। उन्होंने कहा कि इससे कोई बहुत बड़ा बदलाव तो नही आएगा। लेकिन आने वाले समय मे छोटे से क्षेत्र में इसके परिणाम देखने को जरूर मिलेंगे। लेकिन यदि RKMV की तरह यदि अन्य शिक्षण संस्थान भी पहल करें, तो हिमाचल प्रदेश को प्लास्टिक फ्री बनाने में यह महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। MC शिमला के साथ किया MOU RKMV कॉलेज की प्रिंसिपल अरुणिता सक्सेना ने कहा कि इस पहल को शुरू किए अभी तोड़ा ही समय हुआ है। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत मुंबई की एक संस्था के साथ की थी। लेकिन अब उन्होंने नगर निगम शिमला के साथ एक MOU साइन किया है। कॉलेज में जो भी सिंगल यूज प्लास्टिक एकत्रित होता है। वह उसे नगर निगम को देते हैं। नगर निगम उसके बदले में कॉलेज को पैसे भी दे रहे है। प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने अभी तक एक क्विंटल से ज्यादा प्लास्टिक (100 किलो) नगर निगम शिमला को दिया है। जिसके उन्होंने कॉलेज को 75 रु प्रति किलो के हिसाब से पैसे भी दिए है। इससे जहां एक तरफ कॉलेज में स्वच्छ व साफ हो रहा है। वहीं छोटी बहुत कमाई भी हो रही है। अतिथियों को दिए जाने वाले तोहफे कॉलेज में हो रहे तैयार प्रिंसिपल ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के अलावा कॉलेज प्रोफेसरों के सहयोग से छात्राएं बहुत सारे उत्पाद, वेस्ट मटेरियल से कॉलेज में तैयार कर रही है। जिसमें दिए, पेंटिंग, लकड़ी के बुरादे से रंगोली, पुराने कपड़ों से कई तरह के प्रोडक्ट तैयार किए जा रहे। कॉलेज की छात्राएं उन्हें तैयार कर रही है, कॉलेज परिसर में होने वाले कार्यक्रमों में बाहर से आने वाले अथितियों को अब बाहर से तोहफे नहीं ला रहे है। लड़कियों द्वारा तैयार किए गए उत्पाद ही उपहार स्वरूप दे रहे हैं। जिससे एक कॉलेज का खर्च कम हो रहा है। दूसरा लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां आए थे, उन्हें भी यही उपहार स्वरुप दिए थे।उन्होंने कॉलेज की इस पहल को सराहा है। 3200 छात्राएं ले रही RKMV से शिक्षा डॉ. अरुनिता ने बताया कि वर्तमान समय में कॉलेज में लगभग 3200 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी यह पहल बहुत बड़ा बदलाव तो नही ला सकती है। लेकिन छोटी सी पहल शुरू की है। इससे सिर्फ 3200 छात्राएं नहीं, बल्कि 3200 परिवारों में जागरूकता पहुंच रही है। इसके लिए रोज छात्राओं को याद दिला रहे है और आगे संबंधियों को को भी जागरूक करने की अपील कर रहे है। दीवाली पर लगाया मेला प्रिंसिपल ने बताया कि कॉलेज की छात्राओं द्वारा बनाए गए उत्पादों का उन्होंने दीवाली से पहले एक मेला लगाया। जिसमें उत्पादों के स्टॉल लगाए। ताकि समाज के अन्य लोगों तक भी जागरूकता आएं।

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