चंडीगढ़ में ढाई करोड़ रुपए की रिश्वत मामले में फंसे ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर विशाल दीप और उनके भाई विकासदीप तय अवधि में अपनी ज्ञात आय से करीब 231 प्रतिशत अधिक संपत्ति बनाई है इसका खुलासा सीबीआई की जांच में हुआ है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दोनों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। CBI ने 21 अगस्त 2025 को दोनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की थी। इस दौरान 1 मार्च 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक की आय और खर्च का ब्योरा खंगाला गया। जांच में पाया गया कि दोनों की आय और खर्च में भारी अंतर है। इसके बाद 23 दिसंबर 2025 को CBI ने औपचारिक रूप से आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कर लिया। 9 महीनों में तेजी से बढ़ी संपत्ति CBI के मुताबिक 1 मार्च 2024 तक विशाल दीप और विकासदीप के पास कुल संपत्ति करीब 9.20 लाख रुपए थी। इस दौरान विशाल दीप के बैंक खाते में करीब 64 हजार रुपए और विकासदीप के खाते में करीब 5 लाख रुपए जमा थे। लेकिन 31 दिसंबर 2024 तक दोनों की संपत्ति बढ़कर करीब 44.44 लाख रुपए हो गई। जांच में सामने आया कि इस अवधि में दोनों को वेतन और अन्य स्रोतों से करीब 40.28 लाख रुपए की आय हुई, जबकि खर्च 98.29 लाख रुपए से ज्यादा का रहा। इसी आधार पर CBI ने इसे आय से 231.48 प्रतिशत अधिक संपत्ति माना है। कारें, फ्लैट और लग्जरी खर्च CBI जांच में यह भी सामने आया कि दोनों भाइयों ने इस दौरान महंगी कारें खरीदीं, बड़े स्तर पर खर्च किए और लग्जरी जीवनशैली अपनाई। विकासदीप ने 24.71 लाख रुपए की स्कॉर्पियो-एन खरीदी, जबकि विशाल दीप ने 13.18 लाख रुपए की फॉक्सवैगन वर्टिस कार ली। इसके अलावा न्यू चंडीगढ़ के ओमेक्स प्रोजेक्ट में 97 लाख रुपए का फ्लैट खरीदा गया, जिसके लिए 24.84 लाख रुपए की आंशिक भुगतान किया गया। जांच में यह भी पता चला कि 35 लाख रुपए का हाउसिंग लोन चुकाया गया, वहीं शेयर बाजार में निवेश और होटलों पर ठहरने जैसे खर्चों पर भी लाखों रुपए खर्च किए गए। छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है मामला विशाल दीप हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे थे। आरोप है कि उन्होंने इस मामले में फंसे लोगों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर ढाई करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी। आरोपितों ने इसकी शिकायत CBI से की थी। CBI ने 25 दिसंबर 2024 को जाल बिछाया था। उस दौरान विशाल दीप मौके से फरार हो गया, जबकि उसका भाई विकासदीप गिरफ्तार किया गया। कुछ समय बाद विशाल दीप को भी गिरफ्तार किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे मामले में CBI का ही एक डीएसपी भी शामिल था, जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया।