केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलकर विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (VB G RAM G) किए जाने के फैसले के विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने राजधानी शिमला में जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार की अध्यक्षता में हुआ। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीटीओ चौक और उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया। उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को गरीब विरोधी करार दिया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विनय कुमार ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों, मजदूरों और बेरोजगारों के लिए रोजगार की गारंटी का मजबूत आधार है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार जानबूझकर योजना का नाम बदलकर महात्मा गांधी की विचारधारा और गरीबों के अधिकारों पर सीधा हमला कर रही है। राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा विनय कुमार ने यह भी बताया कि पहले मनरेगा के तहत 90 प्रतिशत वित्तीय सहायता केंद्र सरकार देती थी, जिसे अब घटाकर 60:40 कर दिया गया है। उनके अनुसार, इससे राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा और छोटे राज्यों के ग्रामीण मजदूरों, किसानों तथा मनरेगा कर्मियों को सीधा नुकसान होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सत्ता में आते ही इस योजना का नाम पुनः महात्मा गांधी के नाम पर बहाल करेगी। कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह इसके मूल स्वरूप से किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होने देगी। केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की प्रदर्शन के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस धरने में प्रदेश मामलों के सह-प्रभारी चेतन चौहान सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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