शिमला स्थित संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में कथित रैगिंग का मामला सामने आया है। प्रशासन ने शिकायत के बाद तुरंत दो प्रशिक्षु (MBBS) डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इन दोनों डॉक्टरों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है और उन पर कुल 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सूचना के अनुसार घटना तीन से चार दिन पुरानी बताई जा रही। बताया जा रहा है इन सीनियर प्रशिक्षु डॉक्टरों ने जूनियर छात्रों को नियमों के खिलाफ हॉस्टल में बुलाया था। नियमानुसार जबतक जूनियर डॉक्टरों को औपचारिक रूप से हॉस्टल आवंटित नहीं किया जाता। तब तक उन्हें परिसर में नहीं लाया जा सकता। प्रशासन ने अपने जांच में इस मामले को गंभीर रैगिंग न मानते हुए अनुशासनात्मक उल्लंघन की श्रेणी में पाया गया। इसके बाद अनुशासनात्मक कमेटी की बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। कमेटी की सिफारिश पर दोनों प्रशिक्षु सीनियर डॉक्टरों को तीन महीने के लिए निलंबित करने और 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया। भविष्य में सख्त कार्रवाई बताया गया है कि जिन कमरों में जूनियर छात्रों को लाया गया था, उनमें भी जांच की गई। अनुशासनात्मक कमेटी ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में यदि इस तरह का कोई भी मामला दोबारा सामने आता है तो संबंधितों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी। IGMC की अनुशासनात्मक कमेटी के एक सदस्य (नाम लिखने से मना) ने बताया कि मामला तकनीकी रूप से रैगिंग की श्रेणी में आता है, लेकिन यह अत्यधिक गंभीर नहीं था। इसी कारण रैगिंग एक्ट के बजाय अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई। कॉलेज प्रशासन ने दोहराया कि संस्थान में नियमों के पालन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फिलहाल मामले में प्रशासन से संपर्क नहीं हो पाया है। जिसके कारण प्रशासन का आधिकारिक पक्ष नहीं आ पाया है।