हिमाचल के इंडस्ट्री मिनिस्टर हर्षवर्धन चौहान ने कहा, GST की दर्रे कम करना स्वागत योग्य कदम है। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी। कुछ चीजें सस्ती होगी। मगर हिमाचल के रेवेन्यू कलेक्शन में इससे कमी आएगी। उन्होंने कहा, GST स्लैब में चेंज से करीब 1000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। हर्षवर्धन चौहान ने कहा, दबी जुबानी में बीजेपी शासित राज्य इसका विरोध करेंगे, क्योंकि रेवेन्यू कलैक्शन में कमी से राज्यों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा, जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार नहीं हैं, उन्होंने खुले रूप में जीएसटी स्लैब घटाने से होने वाले नुकसान को उठाने की मांग उठानी शुरू कर दी है। GST स्लैब कम करना आम जनता के लिए अच्छी खबर है। मगर पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रही राज्य सरकार के लिए यह चिंता बढ़ाने वाली बात है। राज्य सरकार पहले ही 98 हजार करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी हुई है। अब स्थिति ऐसी है कि पुराना कर्ज चुकाने को भी नया ऋण लेना पड़ा रहा है। राज्य की ऋण लेने की सीमा पहले ही कम कर दी गई है। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट वन थर्ड रह गई है। GST कंपनसेशन मिलना भी जुलाई 2022 से बंद है। ऐसे में 1000 हजार रेवेन्यू कलेक्शन में करोड़ की कमी सरकार को चिंता में डालने वाली है। PM ने 15 अगस्त को किया था वादा बता दें कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त को दिवाली गिफ्ट का वादा किया था, उसे GST काउंसिल की 56वीं मीटिंग में मंजूरी मिल गई है। GST के पहले 4 स्लैब 5%, 12%, 18% और 28% थे। अब 2 स्लैब 5% और 18% होगे। इससे दूध-घी, टीवी-एसी, कार-बाइक, इंश्योरेंस जैसी 5 कैटेगरी की जरूरतें सस्ती हो जाएंगी। दूध, रोटी, पिज्जा ब्रेड सस्ते होंगे दूध, रोटी, पिज्जा ब्रेड समेत कई फूड आइटम GST फ्री होंगे। व्यक्तिगत हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर भी टैक्स नहीं लगेगा। इससे 33 जीवन रक्षक दवाएं, दुर्लभ बीमारियों और गंभीर बीमारियों के लिए दवाएं भी टैक्स फ्री होंगी। 22 सितंबर से लागू होगी नई दर्रे GST की नई दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी। 15 अगस्त को PM मोदी ने लाल किले से ‘नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स’ की घोषणा करते हुए कहा था कि दीवाली से पहले GST में सुधार लागू होंगे। उन्होंने इसे दीवाली का तोहफा बताया था। किसानों-बागवानों को भी फायदा GST काउंसिल के इस फैसले से किसानों-बागवानों को भी फायदा होगा। खाद, बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण, पावर टिल्लर, स्प्रेयर, सेब पैकिंग सामग्री सस्ती हो जाएगी।