हिमाचल प्रदेश के ऊना में बुधवार को भारत बंद रैली के दौरान मिड डे मील यूनियनों के बीच विवाद हुआ। सीटू के बैनर को लेकर दोनों यूनियनों में तनाव की स्थिति बन गई। रैली म्युनिसिपल पार्क से शुरू होकर शहर में घूमते हुए डीसी कार्यालय पर खत्म हुई। सीटू जिला सचिव गुरनाम सिंह ने कहा कि श्रमिक वर्ग की उपेक्षा की जा रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिड डे मील वर्कर्स और फैक्ट्री श्रमिकों को न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा नहीं मिल रही है। उन्होंने नए श्रम कोड की आलोचना की। उनका कहना था कि इससे श्रमिकों के अधिकार कमजोर हुए हैं। केंद्र सरकार ने पिछले 11 सालों में श्रमिकों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आंगनवाड़ी को नहीं मिला रहा पर्याप्त मानदेय
आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष नीलम जसवाल ने महिला श्रमिकों की समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पर्याप्त मानदेय नहीं मिल रहा है। नए कामों का बोझ बढ़ा है और खर्च भी उन्हें खुद वहन करना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने श्रम कानूनों की बहाली, न्यूनतम वेतन, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन और सामाजिक सुरक्षा की मांग की। साथ ही आंगनवाड़ी और मिड डे मील वर्करों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने की मांग भी रखी।

Spread the love