मंडी में आज कर्मचारियों और विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया है। जिला मुख्यालय पर सीटू के बैनर तले केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के चार लेबर कोड का विरोध किया। यूनियन का कहना है कि 44 श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदलने से 74 प्रतिशत मजदूर सामाजिक सुरक्षा से वंचित हो जाएंगे। इससे 70 प्रतिशत उद्योग श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे। नए कानून में हड़ताल करने वाले मजदूरों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने फिक्स्ड टर्म रोजगार की अधिसूचना जारी कर दी है। काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। सैलरी बढ़ाने की मांग
सीटू नेताओं ने चारों श्रम संहिताओं को खत्म करने की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगों में सभी मजदूरों को 26,000 रुपए प्रतिमाह न्यूनतम वेतन देना शामिल है। आंगनवाड़ी और मिड-डे मील कर्मियों को श्रमिक का दर्जा दिया जाए। यूनियन ने नैशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को खत्म करने की मांग की। एनपीएस को रद्द करने और महंगाई पर रोक लगाने की मांग भी की गई। बिजली के निजीकरण को रोकने, स्मार्ट मीटर योजना वापस लेने और मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए बदलावों को रद्द करने की मांग भी की गई।

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