हिमाचल प्रदेश में बीते 48 घंटे के दौरान रेड और ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी के बावजूद बारिश नहीं हुई। अगले 5 दिन भी ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान नहीं है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी नुकसान के बाद मानसून कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। प्रदेशवासियों ने इससे राहत की सांस ली है। प्रदेशवासी इससे डरे व सहमे हुए हैं। 2 सप्ताह में ही लगभग 22 जगह बादल फटने की घटनाएं पेश आ चुकी है। इससे लगभग 600 करोड़ रुपए की संपत्ति, 30 से ज्यादा लोगों की मौत तथा 32 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। अब 4 प्वाइंट में समझे कि मानसून कमजोर क्यों पड़ा? मानसून ट्रफ की वजह से आने वाले दिनों में बरसात कैसी रहने वाली है? मानसून ट्रफ है क्या? मानसून ट्रफ भारत में मानसून की वर्षा के लिए महत्वपूर्ण कारक है। यह न केवल बारिश लाता है, बल्कि यह मानसून की दिशा और तीव्रता को भी प्रभावित करता है। मानसून ट्रफ में नमी युक्त हवाएं होती हैं जो ऊपर उठती हैं और बादल बनाती हैं, जिससे बारिश होती है। मानसून ट्रफ एक निम्न दबाव का क्षेत्र है जो उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला है। यह एक लंबी रेखा के रूप में होता है और मानसून के दौरान सक्रिय रहता है, जिससे बारिश होती है। मानसून सीजन में 80 की मौत प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 7 जुलाई) 80 लोगों की विभिन्न कारणों से जान जा चुकी है। इनमें लैंडस्लाइड से 1, फ्लैश फ्लड से 8, बादल फटने से 14, पानी में डूबने से 8, आग से 1, स्नेक बाइट से 3, बिजली के करंट से 4 ढांक या ऊंची जगह से गिरने से 9 तथा अन्य कारणों से 4 की मौत हो चुकी है। वहीं 28 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई है। प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में 235 सड़कें बंद पड़ी है। सबसे ज्यादा 176 सड़कें मंडी जिला में बंद पड़ी है।