उत्तरी भारत की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शामिल श्रीखंड महादेव यात्रा 10 जुलाई से शुरू होगी। यात्रा मार्ग की स्थिति चिंताजनक है। निरमंड उप-मंडल में जाओं से सिंहगाड बेस कैंप होते हुए ब्राहटी नाला तक का 20 किलोमीटर का ट्रैक पिछले साल बादल फटने से क्षतिग्रस्त हो गया था। भीम डवारी और पार्वती बाग के बीच नई पुलिया बनाने की आवश्यकता है। भीम डवारी के पास बाढ़ से बनी गहरी खाई पर नया रास्ता और वैकल्पिक पुल की जरूरत है। ब्राहटी नाला के पास ट्रैक की स्थिति अत्यंत खराब है। पिछले साल 31 जुलाई की रात बादल फटने से यात्रा मार्ग को नुकसान पहुंचा था। एक साल बीत जाने के बाद भी मरम्मत कार्य पूरा नहीं हुआ है। श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट और प्रशासन का दावा है कि 10 जुलाई से पहले यात्रा मार्ग की मरम्मत हो जाएगी। स्थानीय नागरिक बोले- चार दिन में कैसे पूरा होगा काम बता दें कि, प्रति वर्ष इस यात्रा में खतरनाक रास्तों, ऑक्सीजन की कमी और अत्यधिक ठंड के कारण कई श्रद्धालु जान गंवा देते हैं। क्षतिग्रस्त रास्तों से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने बताया कि यात्रा मार्ग की मरम्मत का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा शुरू होने से पहले ही मार्ग को सही कर दिया जाएगा। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि जो काम एक साल में नहीं हुआ, वह 4 दिन में कैसे पूरा होगा। 18570 फुट की ऊंचाई पर है श्रीखंड महादेव हिमालय की गोद में स्थित 18,570 फीट ऊंचे श्रीखंड महादेव की यात्रा जितनी पवित्र मानी जाती है, उतनी ही जोखिम भरी भी है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस कठिन ट्रैक पर निकलते हैं, लेकिन कई बार यह आस्था का सफर मौत की दहलीज तक पहुंचा देता है । श्रीखण्ड महादेव यात्रा लगभग 35 किलोमीटर की दुर्गम पैदल चढ़ाई है, जिसमें यात्रियों को बर्फ से ढके ग्लेशियर, खड़ी चढ़ाइयां और संकरे,खतरनाक पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। स्थापित किए जाते हैं पांच बेस कैंप यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य की दृष्टि से सिंहगाड, थाचडू, कुंशा, भीमडवारी और पार्वतीबाग में पांच बेस कैंप स्थापित किए जाते हैं। इन कैंपों में मेडिकल स्टाफ, रेस्क्यू टीमें, पुलिस बल, होमगार्ड तथा अन्य विभागों के अधिकारी तैनात रहेंगे। विशेषकर अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान, वन विभाग, जलशक्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका इस यात्रा में अहम रहती है। यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू प्रशासन के अनुसार, अंतिम जत्था 23 जुलाई को बेस कैंप सिंहगाड से रवाना किया जाएगा। श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट की हाल ही में आयोजित बैठक में यात्रा के सुचारु संचालन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। एसडीएम निरमंड एवं यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने जानकारी दी कि यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। यात्री https://shrikhandyatra.hp.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। हर दिन अधिकतम 800 श्रद्धालुओं को ही यात्रा की अनुमति दी जाएगी। हालांकि प्रशासन हर बार यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के दावे करता है, लेकिन गत वर्ष 31 जुलाई को बादल फटने की घटना ने इन दावों की पोल खोल दी थी। इस बार भी रास्ते काफी खतरनाक स्थिति में हैं, ऐसे में प्रशासन ने यात्रियों से अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है। यह यात्रा केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि धैर्य, साहस और श्रद्धा की परीक्षा भी है।

Spread the love