हिमाचल प्रदेश में दूध उत्पादक संघ के सदस्यों ने बुधवार को मिल्क प्लांट परिसर का घेराव किया। शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों के छह ब्लॉक के दुग्ध उत्पादक इस प्रदर्शन में शामिल हुए। उत्पादकों की मुख्य मांग है कि दूध की कीमत का भुगतान हर माह 10 तारीख से पहले किया जाए। वर्तमान में उन्हें दो-दो महीने तक भुगतान नहीं मिल रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मिल्क प्लांट दत्तनगर के माध्यम से मुख्यमंत्री और मिल्कफेड अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा। माकपा नेता राकेश सिंघा ने कहा कि मिल्क फेडरेशन की स्थिति खराब है। उन्होंने दूध खरीद में पारदर्शिता की कमी का मुद्दा भी उठाया। उनके अनुसार, दूध उत्पादक समाज का सबसे गरीब वर्ग है, जिसे सरकार की प्राथमिकता में होना चाहिए। दुग्ध उत्पादक संघ की ये सभी मांगें दुग्ध उत्पादक संघ की अन्य मांगों में शामिल हैं-सभी सोसायटियों में दूध की गुणवत्ता जांच के लिए टेस्टिंग मशीन की उपलब्धता, सोसाइटी सचिवों को प्रशिक्षण, अप्रैल 2025 से बढ़े दूध के दाम का एरियर भुगतान, तकलेच व चाटी में कलेक्शन सेंटर की स्थापना, और पशु औषधालयों में रिक्त पदों की भर्ती। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन उग्र रूप ले सकता है। इस मौके पर संयोजक प्रेम चौहान, तुला राम, अमित, सुभाष, दिनेश, संदीप, देवेंद्र, हरदयाल, कृष्णा राणा, नीलम, दीपा, शोभा, हेम लता, मेरु देवी, रेखा देवी आदि उपस्थित रहे।

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