1992 में हुए दंगों के बाद यहां के लोग पूरा मोहल्ला खाली कर चले गए थे। इसके बाद से मंदिर वीरान पड़ा था। सालों बाद विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने मंदिर की साफ सफाई की।
1992 में हुए दंगों के बाद यहां के लोग पूरा मोहल्ला खाली कर चले गए थे। इसके बाद से मंदिर वीरान पड़ा था। सालों बाद विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने मंदिर की साफ सफाई की।