{महिमा गौत्तम – कुल्लू } सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन आशीर्वाद से मनाली शहर में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माल रोड पर प्रार्थना के साथ प्रातः 8 बजे हुई जिसमें बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिले के संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन और सेवादल के स्वयंसेवकों ने भाग लिया।सभी प्रतिभागियों को आशीर्वाद देते हुए मनाली जोन के प्रभारी आर. के अभिलाषी ने कहा कि प्रदूषण अंदर हो या बाहर वह समाज के लिए हानिकारक है जिसका निवारण हम अपने उत्तम व्यवहार, अच्छे स्वभाव, परोपकार की भावना से करके कर सकते है और सृष्टि को प्रदूषित होने से बचाने हेतु वृक्षों का संरक्षण कर बाहरी प्रदूषण को दूर कर सकते है तथा प्राकृतिक को ओर अधिक सुंदर बना सकते है। प्रदूषण के विकारो में सबसे हानिकारक प्लास्टिक प्रदूषण होता है क्योंकि प्लास्टिक को नष्ट नहीं किया जा सकता है। अतः मिशन के स्वयंसेवकों द्वारा प्लास्टिक का उपयोग न करने का संदेश देने हेतु नुक्कड़ नाटिका प्रस्तुत की गई। साथ ही प्लास्टिक का उपयोग पूर्णतः निषेध किया जाये इसके लिए भी जागरूकता के उद्देश्य से पर्यटकों एवं नगरवासियों को कपास से बनी थैलियां वितरित की गईं। संत निरंकारी मिशन की ओर से आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पधारे स्थानीय एस.डी.एम श्री रमण शर्मा ने कहा कि ‘प्लास्टिक का प्रयोग पूर्णतः निषेध करे। प्लास्टिक को न कहें और स्वच्छता के प्रति गम्भीरता दिखाएं।’ एसडीएम ने मिशन की सराहना करते हुए आगे कहा कि निरंकारी मिशन हर ओर से पर्यावरण को बचाने में अग्रणी रहा है और प्रशंसा का पात्र भी रहा है। इसके अतिरिक्त वन्य प्राणी विभाग की डी.एफ. ओ. डाक्टर वंदना ने भी लोगों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति गम्भीरता दिखाने की बात कही और उन्होंने संत निरंकारी मिशन के प्रयासों को भी सराहा। मनाली की मीडिया सहायक मधुबाला ने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु उपस्थित मुख्य अतिथियों एवं सभी लोगों का हृदय से आभार व्यक्त किया।