हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सभी कार्यकारिणी भंग होने के बाद सियासी हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को छोड़कर पूरी प्रदेश कार्यकारिणी, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी के पदाधिकारी हटा दिए गए हैं। अब 2027 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए नई कार्यकारिणी का गठन होना है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि कई पदाधिकारी निष्क्रिय थे। इसलिए संगठन की मजबूती के लिए कार्यकारिणी को भंग करना जरूरी हो गया था। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की बात को दरकिनार करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए संगठन को मजबूत करना है। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री से चर्चा के बाद निष्क्रिय नेताओं को हटाने की मांग की थी। इसे लेकर उन्होंने जॉइंट लेटर भी हाईकमान को सौंप रखा। उन्होंने कहा कि संगठन में अब काम करने वाले सक्रिय नेता शामिल किए जाएंगे। इसे लेकर वह पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगी और हाईकमान को नाम सुझाए जाएंगे। प्रतिभा बोली- वन मैन- वन पोस्ट का ध्यान रखा जाएगा प्रतिभा सिंह ने कहा कि पार्टी और संगठन में दोनों जगह नेताओं को तैनाती नहीं दी जानी चाहिए। इसे लेकर वह पहले भी कई बार बात कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि वह खुद वन मैन- वन पोस्ट की हिमायती है। लिहाजा नई कार्यकारिणी के गठन के वक्त इसका ध्यान रखा जाएगा। होलीलॉजी या सुक्खू कैंप, कौन किस पर रहेगा भारी अब देखना दिलचस्प रहेगा कि नई कार्यकारिणी में सीएम सुखविंदर सुक्खू गुट या फिर होलीलॉज गुट भारी पड़ता है। मुख्यमंत्री सुक्खू अपने गुट के नेताओं को पार्टी में डालने का प्रयास करेंगे, जबकि सरकार में की जा रही तैनाती को लेकर होलीलॉज गुट की अनदेखी के आरोप लगाने वाली प्रतिभा सिंह अपने समर्थकों को पार्टी में शामिल करने का प्रयास करेगी। राजीव शुक्ला भी सीनियर लीडर से करेंगे बात सूत्र बताते हैं कि, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला नई कार्यकारिणी बनाने से पहले सुखविंदर सुक्खू, प्रतिभा सिंह समेत कौल सिंह ठाकुर, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, कुलदीप राठौर इत्यादि सीनियर लीडर से चर्चा करेंगे। खड़गे ने भंग की सभी कार्यकारिणी बता दें कि, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी को भंग किया है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कई बार हाईकमान से निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर करने का आग्रह किया था। बीते माह सीएम सुखविंदर सुक्खू ने भी केरल से लौटने के बाद इसे लेकर हाईकमान से चर्चा की थी। लोकसभा चुनाव में चार-जीरो से करारी हार के बाद पीएल पुनिया और रजनी पाटिल की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बदलने की सिफारिश की थी, क्योंकि हिमाचल में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 250 से ज्यादा पदाधिकारी हो गए थे। मगर जब पार्टी की मीटिंग होती थी तो ज्यादातर नेता मीटिंग में नहीं पहुंचते थे और लोकसभा चुनाव में भी फील्ड में नहीं उतरे। इस वजह से हाईकमान ने कांग्रेस की सभी कार्यकारिणी को भंग किया है। अब नए सिरे से पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी।

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