हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा यहां बनाए जा रहे दो महत्वपूर्ण रेलवे प्रोजेक्ट में अपना शेयर न देने के कारण इन प्रोजेक्ट्स का काम बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। यह आरोप पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने लगाया है। आज मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना है, जिसमें 75 प्रतिशत भागीदारी केंद्र सरकार की जबकि 25 प्रतिशत भागीदारी प्रदेश सरकार की है। लेकिन प्रदेश सरकार अपनी 25 प्रतिशत भागीदारी का पैसा नहीं दे रही है। इसका 1441 करोड़ रेलवे बोर्ड को देना है। दो रेलवे लाइन का होना है निर्माण वहीं, दूसरी तरफ चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन को 50-50 प्रतिशत की भागीदारी में बनाया जा रहा है। इसका पैसा भी हिमाचल सरकार नहीं दे रही है। इसका 185 करोड़ देने है। जयराम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार को 1626 करोड़ रुपए रेलवे बोर्ड को देने हैं। इसके लिए अब रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर इसकी मांग की है। यदि सरकार इस पैसे को नहीं देती है तो प्रदेश में रेलवे लाइन का काम रूक जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रदेश के विकास के लिए पैसा दे रही है, लेकिन प्रदेश सरकार अपना शेयर न देकर यहां के विकास को रोकने का काम कर रही है। सीएम बार बार पलट रहे अपने बयानों से : ठाकुर जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इस बात को लेकर सीएम सुक्खू कई बार खुले मंच पर भी कह चुके हैं। लेकिन वो हमेशा अपने बयानों से पलटने का काम करते हैं। कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट है और कभी कहते हैं कि आर्थिक संकट नहीं है। यदि आर्थिक संकट नहीं है तो फिर हर महीने बोल-बोल कर और नई-नई तारीखें तय करके वेतन और पेंशन क्यों देने पड़ रहे हैं। इस बार केंद्र से जो मदद प्राप्त हुई है उससे सीएम ने राहत की सांस ली है और अब एडवांस में सेलरी देने जा रहे हैं।

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