शारदीय नवरात्र के लिए हिमाचल के शक्तिपीठ शानदार ढंग से सजाए गए हैं। अगले 9 दिन तक प्रदेश के सभी प्रसिद्ध शक्तिपीठों व दूसरे मंदिरों में मांग की विशेष अर्चना पूजा-अर्चना की जाएगी। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई है। देवभूमि के सभी मां के सभी मंदिरों में उत्सव जैसा माहौल हो गया है। इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। मशहूर ज्वाला जी चामुंडा बृजेश्वरी, मां चिंतपूर्णी, नैना देवी सहित अन्य सभी मंदिरों में पूजा अर्चना का विशेष प्रावधान किया गया है। अब जानते हैं क्यों मशहूर है हिमाचल के शक्तिपीठ नैना देवी में गिरे थे माता सती के नेत्र बिलासपुर जिला में स्थित मां नैना देवी का मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां पर माता सती की आंख गिरी थी। जिसके बाद के स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया। यहां पर भी साल भर भक्तों का आना लगा रहता है और नवरात्र पर्व पर भक्तों की खासी भीड़ जुटती है। ज्वाला जी 51 शक्तिपीठों में से 1 शक्ति पीठ कांगड़ा में स्थित मां ज्वाला जी का मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि यहां पर भगवती सती की जीभ भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से कट कर गिरी थी। मंदिर में भगवती के दर्शन नव ज्योति रूपों में होते हैं। उत्तर भारत की प्रसिद्ध नौ देवियों के दर्शन के दौरान चौथा दर्शन मां ज्वाला जी का ही होता है। मां चिंतपूर्णी मंदिर में गिरे थे पार्वती के पांव ऊना के मशहूर धार्मिक स्थलों में से एक मां चिंतपूर्णी का मंदिर छिन्नमस्तिका के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर मां पार्वती के पाव गिरे थे। माता चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट में नवरात्र पर दर्शनों के लिए पर्ची सिस्टम लागू रहेगा। मंदिर ट्रस्ट ने काउंटर स्थापित किए हैं। चामुंडा मंदिर में गिरे मां शक्ति के पैर हिमाचल एक और मशहूर शक्ति पीठ मां चामुंडा देवी का मंदिर कांगड़ा के पालमपुर में स्थित है। यह मंदिर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में काफी विकसित है। नवरात्र पर पर यहां विषय पूजा अर्चना की जाती है। सुबह के समय यहां पर सप्तचंडी का पाठ किया जाता है। बृजेश्वरी मंदिर में गिरा था मां सती का बाया वक्षस्थल बृजेश्वरी देवी मंदिर को कांगड़ा देवी के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर भी साल भर भक्तों का तांता लगा रहता है। नवरात्र पर्व पर यहां मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि यहां पर मां सती का बांया वक्ष यहां गिरा था और यह स्थान मां ब्रजेश्वरी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। इन मंदिरों में भक्तों खुले दिल से चढ़ाते हैं सोना-चांदी बाजार में भले ही सोने चांदी की कीमतें आसमान छू रही हो, लेकिन इन मंदिरों में भक्त खुले दिल से सोना और चांदी चढ़ाते हैं। कालीबाड़ी मंदिर में भी खास इंतजाम शिमला के मशहूर कालीबाड़ी मंदिर में भी नवरात्र के लिए खास इंतजाम किए गए है। यहां पर न केवल स्थानीय लोग बल्कि देशभर से आने वाले धार्मिक पर्यटक नवरात्र पर पूजा करने पहुंचते है। खासकर पश्चिम बंगाल के पर्यटक कालीबाड़ी में नवरात्र पर पूजा अर्चना करते हैं। हिमाचल के सभी शक्तिपीठों और मां के मंदिरों को रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। सभी मंदिरों के बाहर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल भी तैनात किया गया है।

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