एवरेजिंग करते वक्त कंपनी की बैलेंस शीट, कारोबारी मॉडल, वैल्यूएशन और आउटलुक जरूर देखें। ऐसा नहीं कि आप जिस भाव पर एवरेजिंग कर रहे हैं, उस भाव पर भी वह स्टॉक महंगा है।


एवरेजिंग करते वक्त कंपनी की बैलेंस शीट, कारोबारी मॉडल, वैल्यूएशन और आउटलुक जरूर देखें। ऐसा नहीं कि आप जिस भाव पर एवरेजिंग कर रहे हैं, उस भाव पर भी वह स्टॉक महंगा है। 

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