अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और ठियोग के विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार के फैसले पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने न्यूजीलैंड से मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत सेब पर आयात शुल्क 50% से घटाकर 25% करने को देश विरोधी और सेब उत्पादकों के हितों के खिलाफ बताया है। उन्होंने इस निर्णय पर हैरानी जताई। राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘स्वदेशी’ की बात करते हैं, लेकिन विदेशों से आने वाले सेब पर आयात शुल्क कम करना विदेशी आयात को बढ़ावा देने जैसा है। उनके अनुसार, यह कदम देश के सेब उत्पादकों के लिए गंभीर चुनौती पैदा करेगा और उनके हितों को नुकसान पहुंचाएगा। ये फैसला दुर्भाग्यपूर्ण- कुलदीप सिंह कुलदीप सिंह राठौर ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के बड़े-बड़े वादे किए थे, जो अब तक पूरे नहीं हुए हैं। राठौर ने बताया कि प्रदेश में सेब की अर्थव्यवस्था लगभग पांच हजार करोड़ रुपए की है, जिस पर इस नए फैसले का प्रतिकूल असर पड़ेगा। कुलदीप राठौर ने कहा कि सेब बागवान पहले से ही उत्पादन लागत में वृद्धि और सूखे जैसी स्थितियों के कारण भारी नुकसान झेल रहे हैं। विदेशों से सस्ते सेब आने से देश और प्रदेश के सेब को उचित कीमत नहीं मिल पाएगी, जिससे बागवानों की मुश्किलें और बढ़ेंगी। उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री से आग्रह किया है कि वे देश हित में इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और इसे लागू न करें। राठौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपने वादों को पूरा करने और विदेशों से आने वाले सेब पर आयात शुल्क को शत-प्रतिशत करने की मांग की।