हरियाणा के BJP अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर कथित रेप केस में आज हिमाचल की कसौली कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट में पीड़िता की प्रोटेस्ट एप्लिकेशन में लगाए ऑब्जेक्शन और पुलिस द्वारा फाइल जवाब पर सुनवाई होगी। इसके आधार पर अदालत तय करेगी कि इस केस को री-ओपन करना है या पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट (CR) स्वीकार की जाए। इस केस पर हरियाणा में राजनीति से जुड़े लोगों, खासकर सोनीपत जिले की जनता की खास नजरें टिकी हैं। इस केस में कसौली कोर्ट पहले भी एक बार पुलिस की CR को स्वीकार कर चुका है। मगर, तब पीड़िता ने सोलन की जिला अदालत में रिवीजन पिटीशन डालकर चुनौती दी थी। जिला अदालत के आदेशों पर कसौली कोर्ट दोबारा CR पर सुनवाई कर रहा है। इस केस में कसौली पुलिस को बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ सबूत नहीं मिले थे। इसके बाद ही पुलिस ने केस बंद करने की अर्जी कसौली कोर्ट में डाली थी, जिसे कसौली कोर्ट बीते 12 मार्च को स्वीकार कर चुका है। पीड़िता के समन रिसीव नहीं होने पर बंद किया केस पुलिस की CR स्वीकार करने से पहले कसौली कोर्ट ने रेप का आरोप लगाने वाली महिला को 2 बार अलग-अलग एड्रेस पर समन भेजा, ताकि महिला का पक्ष जाना जा सके। मगर, दोनों एड्रेस पर महिला को समन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद, कसौली कोर्ट ने केस को बंद किया। मगर पीड़िता ने इसे जिला कोर्ट सोलन में चुनौती दी। जिला कोर्ट ने ही कसौली कोर्ट को फिर से महिला का पक्ष सुनने के आदेश दिए। यहां पढ़े क्या है पूरा मामला? पीड़ित महिला ने बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ 13 दिसंबर 2024 को सोलन जिले के कसौली पुलिस थाने में गैंगरेप (IPC की धारा 376D) की धाराओं के तहत FIR करवाई। 14 जनवरी 2025 को इसकी कॉपी सामने आई। पीड़िता के अनुसार, उसके साथ गैंगरेप 23 जुलाई 2024 को किया गया। दोस्तों के साथ कसौली घूमने आईं थी महिला शिकायत में पीड़िता ने कहा, ‘मैं अपनी सहेली और बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने गई थी। इस दौरान होटल में बड़ौली और रॉकी ने मुझे जबरन शराब पिलाई और सहेली के सामने ही हिमाचल टूरिज्म कॉर्पोरेशन के होटल रोज कॉमन में गैंगरेप किया। इसके बाद मारने की धमकी दी। फिर पंचकूला में बुलाकर झूठे केस में फंसाने की भी कोशिश की। पुलिस को नहीं मिले साक्ष्य, तब CR दी कसौली पुलिस ने दो माह से अधिक समय तक इस केस की जांच की। मगर जांच में साक्ष्य नहीं मिले। पीड़िता ने अपना मेडिकल करवाने से भी इनकार कर दिया था। कई महीनों की देरी से एफआईआर की वजह से पुलिस इस केस में सीसीटीवी, शराब के गिलास, बेड शीट जैसे सबूत नहीं जुटा पाई। जिस होटल में महिला ने गैंगरेप के आरोप लगाए थे, वहां के कर्मचारी भी इस केस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाए। इससे पुलिस ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दायर की थी।