हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित संजौली मस्जिद की अवैध घोषित ऊपरी मंजिलों को गिराने का कार्य गुरुवार को एक बार फिर शुरू हो गया है। कोर्ट के आदेशों के बाद यह काम शुरू हुआ है। इससे पहले मस्जिद की दो मंजिलों को हटाया जा चुका था। शेष डेढ़ मंजिल को गिराने का कार्य बजट मंजूरी और कुछ कागजी औपचारिकताओं के अभाव में लंबे समय से रुका हुआ था। संबंधित विभाग से प्रस्तावित बजट को मंजूरी मिलने के बाद यह कार्य दोबारा शुरू किया गया है। वक्फ बोर्ड के अनुसार, मस्जिद कमेटी के सहयोग से यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है। अवैध घोषित की गई तीनों मंजिलों को एक महीने के भीतर हटाने का लक्ष्य रखा गया है। पहले करीब डेढ़ मंजिल हटाई गई थी प्रदेश वक्फ बोर्ड के राज्य संपदा अधिकारी केडी मान ने बताया कि नगर निगम आयुक्त न्यायालय ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को अवैध घोषित किया था। इन्हें हटाने के आदेश पहले ही दिए जा चुके थे। आदेश के तहत पहले करीब डेढ़ मंजिल हटाई गई थी, लेकिन बजट की कमी के कारण काम रोकना पड़ा था। अब वक्फ बोर्ड ने शेष बची डेढ़ मंजिल को हटाने के लिए बजट स्वीकृत कर दिया है, जिसके बाद कार्य पुनः शुरू हो गया है। निचली दो मंजिलें यथावत रहेंगी केडी मान ने यह भी स्पष्ट किया कि मस्जिद की निचली दो मंजिलों (ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर) पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इस कारण इन मंजिलों को नहीं हटाया जा रहा है। फिलहाल केवल ऊपरी तीन अवैध मंजिलों को हटाने का काम किया जा रहा है। यह कार्रवाई लंबे समय से चले आ रहे संजौली मस्जिद विवाद के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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