स्मार्ट सिटी धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के लिए प्रसिद्ध है। इसका क्रिकेट इतिहास 150 साल से भी अधिक पुराना है। इसका प्रमाण वर्ष 1868 की एक दुर्लभ वाटर कलर पेंटिंग ‘द क्लब धर्मशाला’ है। इसमें अंग्रेज महिलाएं क्रिकेट खेलती हुई दिखाई देती हैं। यह कलाकृति उस दौर के सामाजिक जीवन, ब्रिटिश सैन्य संस्कृति और धर्मशाला की प्राकृतिक सुंदरता को जीवंत करती है। ब्रिटिश राज के दौरान धर्मशाला गोरखा रेजिमेंट्स का एक महत्वपूर्ण सैन्य अड्डा हुआ करता था। उस समय यहाँ क्लब संस्कृति काफी प्रचलित थी, जहाँ नृत्य, संगीत और विभिन्न खेल गतिविधियाँ नियमित रूप से आयोजित की जाती थीं। प्रसिद्ध कलाकार एफ.एम.एफ.एच. ने इसी सामाजिक वातावरण को अपनी इस पेंटिंग में कुशलता से उकेरा है। यह पेंटिग कर्नल चार्ल्स के निजी संग्रह में यह ऐतिहासिक पेंटिंग कर्नल चार्ल्स आर्चिबाल्ड मर्सर के निजी संग्रह का हिस्सा थी, जो 4 गोरखा इंफेंटरी में तैनात थे। वर्तमान में, इस महत्वपूर्ण धरोहर को लंदन स्थित नेशनल आर्मी म्यूजियम में सुरक्षित रखा गया है। पेंटिंग में पहाड़ी शैली के बंगले के सामने यूरोपीय महिलाएं क्रिकेट खेलती हुई नज़र आती हैं। इसके आसपास का खुला मैदान और प्राकृतिक सौंदर्य उस समय के धर्मशाला की शांत और सुरुचिपूर्ण छवि प्रस्तुत करते हैं। औपनिवेशिक फैशन में सजी इन महिलाओं की खेल में भागीदारी उस दौर के सामाजिक बदलाव और महिलाओं की बढ़ती भूमिका का भी संकेत देती है। आज धर्मशाला पर्यटकों से भरा आज का धर्मशाला काफी बदल चुका है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यहाँ ऊंची इमारतें, व्यस्त बाज़ार और पर्यटकों की बढ़ती संख्या इसे एक आधुनिक हिल स्टेशन का रूप देती है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम ने शहर को वैश्विक मानचित्र पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। इन परिवर्तनों के बावजूद, धर्मशाला अपनी शांत वादियों, प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आज भी संजोए हुए है। 1868 की यह पेंटिंग न केवल कला का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, बल्कि ब्रिटिशकालीन खेल-संस्कृति, महिलाओं की सामाजिक भागीदारी और धर्मशाला के ऐतिहासिक विकास को समझने का एक अमूल्य दस्तावेज़ भी है।

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