हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (HPSEBL) में आउटसोर्स ड्राइवर कमल ठाकुर को सोशल मीडिया पर कथित अनियमितताओं को उजागर करने के बाद नौकरी से डिसमिस करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। HPSEBL कर्मचारी यूनियन ने इसे प्रतिशोधात्मक कार्रवाई बताते हुए चेयरमैन प्रबोध सक्सेना को पत्र लिखा है। यूनियन ने ड्राइवर कमल ठाकुर और गगन की बर्खास्तगी आदेश को तुरंत वापस लेने तथा मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। दरअसल, कमल ठाकुर ने अपने फेसबुक पर कुछ दिन पहले वीडियो शेयर किया। इसमें, कमल ने बिजली बोर्ड के एक IAS और एक लोक संपर्क अधिकारी पर गाड़ियों का दुरुपयोग, फर्जी लॉगबुक भरने और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद, बिजली बोर्ड ने ड्राइवर पर शराब पीकर ड्यूटी का आरोप लगाते हुए सर्विस प्रोवाइडर कंपनी को कमल ठाकुर और गगन की सेवाएं समाप्त करने को कह दिया। बोर्ड के इस फरमान पर नाममात्र मानदेय पर 11 सालों से सेवाएं दे रहे कमल ठाकुर और गगन की बिजली बोर्ड में एंट्री बंद कर दी गई। यूनियन ने कार्रवाई को ‘प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों’ के खिलाफ बताया अब इस मामले में HPSEB यूनियन भी कूद गई है। यूनियन ने कहा- अनियमितताएं उजागर करना ड्राइवर का कर्तव्य था। इसलिए, इसे गलत आचरण कहना ‘प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों’ के खिलाफ है। यूनियन के मुताबिक- ड्राइवर ने अपने पूरे कार्यकाल में कभी किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया और न अनुशासनहीनता की। फिर भी हटा दिया गया। यूनियन ने ड्राइवर द्वारा लगाए आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ड्राइवर कमल ठाकुर ने क्या आरोप लगाए कमल ठाकुर की लिखित में शिकायत मिली तो उसकी जांच करेंगे: MD बिजली बोर्ड के चेयरमैन प्रबोध सक्सेना ने बताया कि इस मामले में एमडी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने एमडी को लिख दिया है। HPSEB के एमडी आदित्य नेगी बताया- आउटसोर्स एजेंसी को बोला गया कि ये व्यक्ति (कमल ठाकुर) शराब पीकर आया था। इसने हंगामा किया था। इसलिए, इसकी जगह दूसरे व्यक्ति को लगाया जाए। उन्होंने कहा- कमल ठाकुर ने जो आरोप लगाए है, वो सोशल मीडिया में लगाए गए। यदि उसने (ड्राइवर) लिखित में शिकायत दी होती तो निश्चित तौर पर जांच की जाती।

Spread the love